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Hindi News भारत राजनीति सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, कहा- मोदी की शासन शैली को जनता ने नकारा

सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, कहा- मोदी की शासन शैली को जनता ने नकारा

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने पीएम मोदी को लेकर कहा कि जनता ने नरेंद्र मोदी के शासन के कामकाज और शैली दोनों को ही नकार दिया है। पीएम मोदी ऐसे पेश आ रहे हैं जैसे कुछ बदला नहीं है।

Sonia Gandhi targeted the Prime Minister said People rejected Modi's style of governance- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO सोनिया गांधी

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव में जनादेश के संदेश की अनदेखी कर टकराव को महत्व देना जारी रखे हुए हैं और ऐसे पेश आ रहे हैं कि मानो कुछ बदला ही नहीं है। उन्होंने अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ में लिखे लेख में यह आरोप भी लगाया कि लोकसभा में 1975 के आपातकाल की निंदा की गई ताकि संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर मोदी सरकार के हमले से ध्यान हटाया जा सके। सोनिया गांधी ने लेख में कहा, ‘‘4 जून, 2024 को हमारे देश के मतदाताओं ने अपना फैसला स्पष्ट और जोरदार तरीके से सुनाया। यह उस प्रधानमंत्री के लिए व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार का संकेत है, जिन्होंने चुनाव अभियान के दौरान खुद को दैवीय दर्जा दिया था।’’ 

पीएम मोदी पर बरसीं सोनिया गांधी

उन्होंने दावा किया कि इस जनादेश ने न केवल इस तरह के दिखावों को नकार दिया, बल्कि यह विभाजन, कलह और नफरत की राजनीति की स्पष्ट अस्वीकृति थी तथा नरेन्द्र मोदी के शासन के कामकाज और शैली दोनों को खारिज किया जाना था।’’ सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘फिर भी, प्रधानमंत्री ऐसे पेश आ रहे हैं जैसे कि कुछ भी नहीं बदला है। वह आम सहमति के मूल्यों के बारे में उपदेश देते हैं लेकिन टकराव को महत्व देना जारी रखते हैं। इस बात का जरा भी प्रमाण नहीं मिलता है कि उन्होंने चुनावी नतीजे को समझ लिया है या करोड़ों मतदाताओं द्वारा उन्हें भेजे गए संदेश पर कोई विचार किया है।’’ 

सोनिया गांधी बोलीं- पीएम मोदी ने की आपातकाल की निंदा

उन्होंने कहा, ‘‘पाठकों को याद दिलाना चाहूंगी कि जब उनके दूतों ने अध्यक्ष पद के लिए सर्वसम्मति की मांग की थी तो ‘इंडिया’ गठबंधन की पार्टियों ने प्रधानमंत्री से क्या कहा था, हमने कहा कि हम सरकार का समर्थन करेंगे, लेकिन परंपरा को ध्यान में रखते हुए यह उचित था और उम्मीद की जा सकती थी कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के किसी सदस्य को दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘और फिर, प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी द्वारा आपातकाल की निंदा की गई - आश्चर्यजनक रूप से लोकसभा अध्यक्ष द्वारा भी निंदा की गई। संविधान इसके मूलभूत सिद्धांतों और मूल्यों पर, इसके द्वारा बनाई और सशक्त की गई संस्थाओं पर हमले से ध्यान हटाने का यह प्रयास संसद के सुचारू कामकाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है।’’ 

सोनिया गांधी बोलीं- देश की जनता ने आपातकाल पर स्पष्ट निर्णय दिया

सोनिया गांधी ने कहा कि यह इतिहास में दर्ज सत्य है कि मार्च 1977 में देश की जनता ने आपातकाल पर स्पष्ट निर्णय दिया, जिसे निःसंकोच और स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया तथा तीन साल से भी कम समय के बाद वह कांग्रेस, जो मार्च 1977 में हार गई थी, सत्ता में लौट आई। उन्होंने ‘नीट’ मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री, जो 'परीक्षा पे चर्चा' करते हैं, उस पेपर लीक पर चुप हैं, जिसने देश भर में कई परिवारों को तबाह कर दिया है। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन में टकराव नहीं चाहता है। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख ने कहा, ‘‘लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सहयोग की पेशकश की है। ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे संसद में सार्थक कामकाज और इसकी कार्यवाही के संचालन में निष्पक्षता चाहते हैं। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार सकारात्मक प्रतिक्रिया देगी।’’ 

(इनपुट-भाषा)

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