मुंबई: पिछले दो दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में एक विज्ञापन खूब चर्चा में बना हुआ है। यह विज्ञापन महाराष्ट्र सरकार की नींव हिला सकता है। यह विज्ञापन राज्य में एक नए विवाद को जन्म दे सकता है। दरअसल मंगलवार को प्रदेश के अखबारों में एक विज्ञापन छपता है, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से ज्यादा लोकप्रिय बताया जाता है। यह विज्ञापन कल से ही चर्चा में बना हुआ था कि डैमेज कंट्रोल के लिए बुधवार को फिर से एक विज्ञापन छापा गया।
नए विज्ञापन से भी पैदा हो सकता है विवाद
इस बार भी विज्ञापन शिवसेना ने ही छपवाया। इसे उसकी तरफ से डैमेज कंट्रोल कहा गया। लेकिन इसमें भी एक बड़ी गलती हो गई, जोकि एक नए विवाद को जन्म दे सकती है। आज छपे विज्ञापन में जिक्र किया गया है कि लोगों की पहली पसंद शिवसेना-बीजेपी गठबंधन है। साथ ही साथ इस विज्ञापन में भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह के बाद शिवसेना का चुनाव चिन्ह दर्शाया गया है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर है तो दूसरी तरफ शिवसेना के बालासाहेब ठाकरे की भी तस्वीर है।
विज्ञापन से गायब हैं बीजेपी के मंत्री
कल विज्ञापन में नदारद रहे देवेंद्र फडणवीस के साथ एकनाथ शिंदे की भी तस्वीर आज के विज्ञापन में प्रकाशित की गई है। लेकिन इस विज्ञापन में फिर से एक नया विवाद पैदा होगा, क्योंकि महाराष्ट्र की समस्त जनता का हृदय से धन्यवाद में जो तस्वीरें छपी हैं, उसमें सिर्फ शिवसेना के मंत्रियों की तस्वीरें छपी हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी के कोटे से बने मंत्रियों की तस्वीरें नहीं हैं। अब राज्य की राजनीति के पंडित कह रहे हैं कि यह विज्ञापन कहीं शिवसेना के लिए गले की हड्डी ना बन जाए और एक नया बवाल पैदा कर दे।
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