मुंबई: हाल ही में 5 राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही कांग्रेस पार्टी चौतरफा हमले से घिर चुकी है। एक तरफ बीजेपी हमला बोल रही है तो दूसरी तरफ पार्टी के भीतर से भी बगावत के सुर और बुलंद हो रहे हैं। लेकिन ऐसे मुश्किल दौर में कांग्रेस पार्टी को शिवसेना का साथ मिला है । शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में गांधी परिवार को बचाव किया है।
G-23 समूह सड़े हुए आम के बराबर
समाना में छपे संपादकीय में लिखा है कि मौजूदा हालात में कांग्रेस पार्टी को सिर्फ गांधी परिवार ही संभाल सकता है। इसमे आगे लिखा है कि “G-23 समूह सड़े हुए आम के बराबर है। अगर गांधी परिवार पार्टी के नेतृत्व को छोड़ देता है कि तो क्या पार्टी को आगे ले जानेवाला,जीताने वाला कोई नेता इस समूह में मौजूद है?” संपादकीय में हाल ही में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के द्वारा उठाए कुछ गलत कदमों का जिक्र भी किया गया है। इसमे कहा गया है कि उत्तराखंड चुनाव के नतीजों में मौजूदा सीएम पुष्कर धामी अपनी सीट से चुनाव हार गए,लेकिन कांग्रेस ने इस बार चुनाव की कमान हरिश रावत जैसे पुराने नेता को दी हुई थी जो कांग्रेस को जिताने के लिए नाकाफी साबित हुए।
कांग्रेस की थाली में खाने वाले अब हार पर सवाल उठा रहे हैं- सामना
सामना में लिखा है कि जो नेता कांग्रेस की थाली और कटोरी में खाते-पीते थे, कई बार डकार लेते थे, वो नेता आज हार पर सवाल खड़े करते हुए नजर आ रहे हैं। ये G-23 समूह के नेता हैं। कांग्रेस की जड़ें सूख गई हैं,वृक्ष सूख गया है जिसकी पूरी छंटाई कर नया बगीचा बनाना होगा। संपादकीय में शिवसेना ने यह भी लिखा है कि अगर बीजेपी को हराना है तो कांग्रेस को एक अलग नैरेटिव लेना होगा।
G-23 नेताओं की होनी है बैठक
इसी बीच ये भी जानकारी सामने आ रही है कि G-23 नेताओं की एक बैठक कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के आवास पर होने जा रही है। गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ने की सलाह दे दी है।
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