प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किए गए अपमानजनक टिप्पणी से जुड़े मानहानि के केस में दिल्ली हाई कोर्ट ने शशि थरूर को बड़ा झटका दिया है। हाई कोर्च ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ दायर मानहानि मामले में कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कांग्रेस नेता शशि थरूर की याचिका खारिज करने के साथ ही पहले लगाई गई रोक को भी हटाने का आदेश दिया है। आइए जानते हैं इस मामले के बारे में विस्तार से।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने साल 2018 में पीएम मोदी के लिए 'शिवलिंग पर बिच्छू' की टिप्पणी की थी। शशि थरूर के इस अपमानजनक बयान के खिलाफ भाजपा नेता राजीव बब्बर ने थरूर पर मानहानि का केस दायर किया था। इसी केस में दिल्ली हाई कोर्ट गुरुवार को अपना फैसला सुनाया है।
क्या थी शशि थरूर की मांग
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर भाजपा नेता राजीव बब्बर द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाई थी। साथ ही हाई कोर्ट ने 27 अप्रैल 2019 को निचली अदालत द्वारा शशि थरूर को जारी किए गए समन पर भी रोक लगा दी थी। हालांकि, अब कोर्ट ने शशि थरूर की याचिका खारिज कर दी है और रोक भी हटा दी है।
क्या था थरूर का पूरा बयान?
शशि थरूर ने कहा था कि एक अनाम आरएसएस सूत्र ने एक पत्रकार से कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं। आप उन्हें अपने हाथ से नहीं हटा सकते और आप उन्हें चप्पल से भी नहीं मार सकते। थरूर ने कहा था कि अगर आप बिच्छू को छूने की कोशिश करेंगे, तो आपको डंक लगेगा, लेकिन अगर आप चप्पल से शिवलिंग को मारेंगे, तो यह आस्था के सभी पवित्र सिद्धांतों को कमजोर कर देगा।
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