चेन्नई: आखिरकार सेंथिल बाला जी ने कैबिनेट मंत्री के से इस्तीफा दे दिया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में 8 महीने पहले ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया गया था। बालाजी ने तमिलनाडु के राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेजा है। इससे पहले तमिलनाडु की एक सत्र अदालत ने बुधवार को मंत्री वी सेंथिल बालाजी की रिमांड 15 फरवरी तक बढ़ा दी थी। अभियोजन पक्ष ने सेंथिल बालाजी को यहां केंद्रीय कारागार से वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधान सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया था ।
मूल रूप से, न्यायाधीश ने 11 जनवरी को सेंथिल बालाजी के खिलाफ आरोप तय करने के लिए मामले को आगे बढ़ा दिया था। हालांकि, जब उस दिन मामला सुनवाई के लिए आया, तो बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस प्रभाकरन ने अदालत को सूचित किया कि बालाजी ने मुकदमे को स्थगित करने के लिए एक याचिका दायर की है। विशेष लोक अभियोजक एन रमेश द्वारा जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगने के बाद न्यायाधीश ने मामले को 29 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।
कैश फॉर जॉब मामले में 14 जून को हुई थी गिरफ्तारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अपना जवाबी हलफनामा दायर करने के बाद मामले को फिर से स्थगित कर दिया गया और उनकी रिमांड सात फरवरी तक बढ़ा दी गई। इस बीच, न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई स्थगित करने के लिए बालाजी की ओर से दायर याचिका पर आदेश 15 फरवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया। ईडी ने कैश फॉर जॉब से जुड़े एक एक मामले में 14 जून को गिरफ्तार किया था। यह मामला पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार के समय का है जब बालाजी परिवहन मंत्री थे।
गिरफ्तारी के ठीक बाद, एक निजी अस्पताल में बालाजी की बाईपास सर्जरी की गई थी। अदालत द्वारा समय-समय पर रिमांड बढ़ाई जाती रही। अगस्त में ईडी ने बालाजी के खिलाफ 3000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था। मद्रास हाईकोर्ट ने 19 अक्टूबर को बालाजी द्वारा दायर जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उनकी पिछली जमानत याचिकाएं प्रधान सत्र न्यायाधीश द्वारा दो बार खारिज कर दी गई थीं। (इनपुट-भाषा)
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