संजय राउत ने इशारों में स्टालिन को दी चेतावनी, बोले- ऐसे विवादों से दूर रहें जिससे गठबंधन...
सनातन पर विवादित बयान देना उदयनिधि स्टालिन को भारी पड़ता जा रहा है। एक ओर उनपर केस दर्ज हो रहे हैं तो वहीं अब I.N.D.I.A गठबंधन के नेता भी उनसे खफा हैं।
तमिलनाडु सरकार में मंत्री और राज्य के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन पर दिए गए बयान पर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है। I.N.D.I.A गठबंधन के भी कई नेता स्टालिन के विवादित बयान पर आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। अब शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने भी स्टालिन को इशारों-इशारों में बड़ी चेतावनी दे डाली है।
क्या बोले राउत?
सनातन धर्म पर दिए गए विवादित बयान पर रिएक्शन देते हुए शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कड़े बयान दिए। उन्होंने कहा कि स्टालिन के बयान से कोई भी सहमत नही है। इस तरह के बयानों से उन्हें बचना चाहिए। इस देश मे 90 करोड़ हिन्दू रहते है और उनकी आस्था है। किसी की आस्था को ठेस नही पहुचाना चाहिए।" राउत ने बताया कि स्टालिन के समक्ष ये बाद उठाई गई है। स्टालिन के सलाहकार थोड़ा बचकर बयानबाजी करें, ताकि INDIA गठबंधन में कोई रुकावट ना आए।
मोहन भागवत पर भी बोले
संजय राउत ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा अखंड भारत पर दिए बयान पर भी निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि आज के भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय आप कहां थे? आप तो ब्रिटिश सरकार की वकालत कर रहे थे। भारत जिसने बनाया जिसने भारत को गुलामी से मुक्त किया उनको ही इस प्रकार की बातें करने का अधिकार है। राउत ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेना चाहिए। 10 साल सत्ता के बावजूद कुछ क्यों नहीं किया गया? राउत ने कहा कि हम चाहेंगे पूरा अखंड भारत होना चाहिए, ये चुनावी जुमला नही है, ये भागवत साहब को भी पता है। राउत ने कहा कि सबसे पहले स्वतंत्रता संग्राम में आप सभी लोगो का क्या योगदान है, हमें वो बताइए। भागवत साहब का हम आदर करते हैं और उनके विचार का भी आदर करेंगे।
ममता भी कर चुकीं विरोध
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन की तुलना मलेरिया, डेंगू और कोरोना वायरस से करते हुए इसे नष्ट करने की अपील की थी। उनके इस बयान का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि हर धर्म की अलग-अलग भावनाएं होती हैं। भारत के मूल में ही अनेकता में एकता है। हमें ऐसे किसी भी मामले में शामिल नहीं होना चाहिए जिससे लोगों के एक वर्ग को ठेस पहुंचे।