जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बढ़ाते हुए पार्टी नेता सचिन पायलट ने अपनी 'जन संघर्ष पदयात्रा' गुरुवार को अजमेर से शुरू की थी। शुक्रवार को यात्रा के दूसरे दिन किशनगढ़ टोल से इसकी शुरुआत करते हुए सचिन पायलट ने उम्मीद जताई है कि राज्य सरकार उनके द्वारा उठाए मुद्दों पर गौर करेगी। पायलट ने कहा कि मई की गर्मी में भी लोग इतनी बड़ी संख्या में उनकी यात्रा से इसलिए जुड़ रहे हैं क्योंकि उन्होंने प्रासंगिक मुद्दे उठाए हैं।
‘उम्मीद है कि सरकार संज्ञान लेगी’
कांग्रेस के विधायक और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दे और युवाओं की समस्याएं हमें प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा, 'मई का महीना है और बहुत तेज गर्मी है लेकिन फिर भी लोग सड़कों पर आ रहे हैं क्योंकि मैंने जो मुद्दे उठाए हैं वे प्रासंगिक हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे और हमारे युवाओं के भविष्य से जुड़ी समस्याएं हमें प्रभावित करती हैं। हमें उम्मीद है कि हमारी राज्य सरकार मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों का संज्ञान लेगी।'
‘यात्रा किसी के विरोध में नहीं है’
सचिन पायलट ने अपनी इस 5 दिन की यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा था कि 'भ्रष्टाचार के विरोध में' बताया था और कहा था कि 'अपनी आवाज उठाने, आपकी आवाज सुनने और जनता की आवाज बनने के लिए' यह यात्रा निकाली जा रही है। उन्होंने कहा था,‘अपनी आवाज उठाने के लिए, आपकी आवाज सुनने के लिए, जनता की आवाज बनने के लिए हम लोगों ने यह यात्रा निकाली है। जन संघर्ष यात्रा किसी के विरोध में नहीं है। जन संघर्ष यात्रा भ्रष्टाचार के विरोध में, नौजवानों के संरक्षण के लिए है। हमारे बच्चे बच्चियां पढ़ लिखकर उन पदों पर बैठें जहां से सब नीतियां बनती है।’
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