Rajya Sabha Elections: राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने महाराष्ट्र के लिए नेता विपक्ष मलिकार्जुन खड़गे को पर्यवेक्षक बनाया है। हरियाणा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला को पर्यवेक्षक बनाया गया है, तो वहीं राजस्थान की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव और पार्टी के कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल को दी गई है।
हरियाणा में फंसी दिख रही सीट
गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी तीसरी सीट के लिए निर्दलियों पर आश्रित है तो वहीं हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी से पार्टी की सीट फंसी हुई दिख रही है। हालंकि सूत्र बिश्नोई को मना लिए जाने की ओर इशारा कर रहे हैं और जल्द उनकी मुलाकात राहुल गांधी से होने की संभावना भी है।
बता दें कि अजय माकन हरियाणा से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। राज्य में पार्टी के पास 31 विधायक हैं, जबकि एक सीट के लिए 30 विधायकों की जरूरत है लेकिन चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की एंट्री और कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी के चलते पार्टी को अपने विधायकों की बाड़ेबंद करनी पड़ी और पार्टी के 28 विधायक रायपुर के एक रिसॉर्ट में ठहरे हुए है।
राजस्थान में राज्यसभा सीट का गणित
राजस्थान में एक राज्यसभा सीट के लिए 41 विधायकों की जरूरत है, इस हिसाब से तीन उम्मीदवारों के जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी को 123 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में कांग्रेस निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा करती है। कांग्रेस के पास खुद 102+6 = 108 (बीएसपी से कांग्रेस में विलय हुए विधायक) हैं, इसके अलावा पार्टी 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा कर रही है। आरएलडी का 1, बीटीपी के 2 विधायक और सीपीएम के 2 विधायक कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करेंगे, ऐसा कांग्रेस का दावा है।
अगर यह तमाम विधायक कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट करें, तभी पार्टी राजस्थान की तीनों सीटें जीत पाएगी, लेकिन राज्य में निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्र की एंट्री से चुनाव बेहद दिलचस्प हो गाया है। हालांकि कांग्रेस पार्टी अपने तीनों नेताओं की जीत को लेकर आश्वस्त दिख रही है, लेकिन इसके बावजूद विधायकों की बाड़ेबंदी उदयपुर में की गई है। राजस्थान में चार राज्यसभा सीटों पर दस जून को चुनाव होना है।
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