गुवाहाटी: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दिखाए रास्ते पर चलते हुए आम सहमति से चीन के साथ शांति प्रक्रिया जारी रखना चाहता है। उन्होंने ‘बड़ा खाना’ के मौके पर तेजपुर स्थित गजराज कोर के हेडक्वॉर्टर में भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए शांति प्रक्रिया में सैनिकों की कोशिशों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘हम आम सहमति के जरिए इस शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं। हमारे पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं और यह भारत की स्पष्ट नीति है।’
‘सुरक्षा की दृष्टि से पूर्वोत्तर बहुत महत्वपूर्ण’
रक्षा मंत्री ने कहा कि हालांकि कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है, जबकि सरकार शांति बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। राजनाथ ने कहा,‘यह कोई छोटी बात नहीं है, यह बहुत बड़ी बात है। हमने यह सब आपकी वजह से ही हासिल किया है। यह आपसी बातचीत इसलिए संभव हो पाई क्योंकि हर कोई आपके साहस और पराक्रम से परिचित है। सुरक्षा की दृष्टि से पूर्वोत्तर बहुत महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र प्राकृतिक दृष्टि से जितना सुन्दर है, भौगोलिक दृष्टि से उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है।’ रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन मुद्दों को सुलझाने के लिए लंबे समय से बातचीत कर रहे हैं।
राजनाथ को तवांग की यात्रा रद्द करनी पड़ी
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यह LAC पर सीमा से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम है। हमारी कोशिशों के बाद हम LAC पर जमीनी हालात पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं।’ भारतीय सेना के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में LAC पर गतिरोध वाले 2 स्थानों, डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी। रक्षा मंत्री को दिन में तवांग जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। वह अब गुरुवार को तवांग जाएंगे। 'बड़ा खाना' एक ऐसा भोज है जिसमें सभी रैंक के कर्मी एक साथ भोजन करते हैं।
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