Rajasthan Shekhawat Notice: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस, कांग्रेस और भाजपा के नेता आमने-सामने
Rajasthan Shekhawat Notice: जुलाई 2020 में राज्य सरकार को गिराने की साजिश के सिलसिले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कोर्ट ने नोटिस भेजा है।
Highlights
- राज्य सरकार को गिराने की साजिश में गजेंद्र सिंह शेखावत को कोर्ट ने भेजा नोटिस
- केस को सुलझाने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) केंद्रीय मंत्री की आवाज का सैंपल लेना चाहती है
- केंद्रीय मंत्री को अपनी आवाज का नमूना देने में क्या दिक्कत है
Rajasthan Shekhawat Notice: राजस्थान के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की पुनरीक्षण याचिका पर एक स्थानीय अदालत से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस जारी होने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के नेता आमने सामने आ गए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) 2020 में अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में केंद्रीय मंत्री की आवाज का सैंपल लेना चाहती है।
अगर शेखावत सही हैं तो अपनी आवाज का नमूना देने में उन्हें क्या दिक्कत है -गहलोत
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति के लिए पुलिस और अन्य राज्य एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कानून को अपना काम करना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि केंद्रीय मंत्री को अपनी आवाज का नमूना देने में क्या दिक्कत है। गहलोत ने यह भी कहा कि शेखावत सरकार गिराने के प्रयास में मुख्य किरदार थे और उनका खुलासा हो चुका है। अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय (जयपुर महानगर) ने पिछले सप्ताह शेखावत की आवाज के नमूने की मांग वाली एसीबी की पुनरीक्षण याचिका पर शेखावत को नोटिस जारी किया था। निचली अदालत द्वारा अर्जी खारिज होने के बाद एसीबी ने पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।
पुलिस और ACB को उंगलियों पर नचाया गहलोत ने - सतीश पूनियां
पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बचाव के लिए ACB (एंटी करप्शन ब्योरो) और राजस्थान पुलिस के विशेष समूह को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। पुलिस का इस्तेमाल अपने ही लोगों (विधायकों) पर नजर रखने और जासूसी करने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 'अपने ही लोगों के खिलाफ बदले की राजनीति के लिए पुलिस और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल किया, (तत्कालीन) उपमुख्यमंत्री (सचिन पायलट) के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज करवाए। शेखावत को अदालत के नोटिस पर टिप्पणी करते हुए पूनियां ने कहा, "हालांकि शेखावत को नोटिस अदालत के आदेश पर दिया गया लेकिन राज्य सरकार का ध्यान इस पर लगा था।’’
शेखावत के बचाव में पूनियां उतरें
गहलोत ने पूनियां पर पलटवार करते हुए सीकर में कहा कि अदालत ने नोटिस जारी किया है और कानून को अपना काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शेखावत पहले खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन आखिरकार अदालत ने नोटिस जारी कर दिया, और अब यह तामिल हो गया है। उन्होंने शेखावत के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा, 'आप (शेखावत) सरकार गिराने के प्रयास में मुख्य किरदार थे , सबको मालूम है कि आप बेनकाब हो गए हैं।
राज्य सरकार को गिराने की साजिश में शेखावत का अहम किरदार
आपने सरकार गिराने का षड्यंत्र किया, अब आप जो सचिन पायलट जी का नाम लेकर कह रहे हैं कि उन्होंने चूक कर दी, तो आपने सबूत दे दिया कि आप उनके साथ मिले हुए थे।’’ उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों के विद्रोह के कारण उपजे राजनीतिक संकट के दौरान टेलीफोन बातचीत के तीन ऑडियो क्लिप सामने आए थे। तब कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इस बातचीत में एक आवाज केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की है जो राज्य सरकार को गिराने की साजिश की बात कर रहे हैं। इस ऑडियो क्लिप के आधार पर सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयासों की शिकायत एसीबी में दर्ज कराई थी।
फोन टैपिंग विवाद में गहलोत के OSD पर शेखावत ने दर्ज करवाई थी FIR
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने जुलाई 2020 में राज्य सरकार को गिराने की साजिश के सिलसिले में संजय जैन नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। एसीबी ने ऑडियो क्लिप के संबंध में संजय जैन से भी पूछताछ की थी। संजय जैन ने कथित रूप से कबूला था कि उन्होंने शेखावत से साजिश के बारे में फोन पर बात की थी, जिसके बाद एसीबी ने शेखावत की आवाज के नमूने के लिए निचली अदालत से अनुमति मांगी थी, लेकिन अदालत ने पिछले साल आवेदन को खारिज कर दिया। फोन टैपिंग विवाद के बाद, शेखावत ने पिछले साल मार्च में दिल्ली पुलिस में राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के विशेष अधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और अवैध रूप से टेलीग्राफिक सिग्नल (टेलीफोन पर बातचीत) को कैद कर लेने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस शर्मा से पहले ही पूछताछ कर चुकी है।