Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच सचिन पायलट दिल्ली स्थित अपने आवास 5 कैनिंग लेन पहुंचे हैं। सचिन पायलट सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं हालांकि ये मुलाकात कब होगी, कितने बजे होगी अभी आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी गई है। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी की तरफ से अभी मुलाकात के लिए अप्वाइंटमेंट पायलट को नहीं मिला है लेकिन इस बीच खबर ये भी है कि सचिन पायलट अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं से मिल सकते हैं।
सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि कांग्रेस आलाकमान अब क्या फैसला लेगा। बता दें कि सचिन पायलट ने सोमवार को ये बयान दिया था कि वो अभी दिल्ली नहीं जा रहे हैं और जयपुर में ही हैं। आलाकमान के फैसले के बाद ही वो फैसला करेंगे। ऐसे में मंगलवार को पायलट के दिल्ली जाने से सियासी गलियारों में बहस तेज हो गई है।
कांग्रेस हाईकमान की फटकार के बाद गहलोत खेमे के विधायकों के सुर बदले
कांग्रेस हाईकमान की फटकार के बाद गहलोत खेमे के इस्तीफा देने वाले विधायकों के सुर बदलने लगे हैं। अब इन इस्तीफा देने वाले विधायकों का कहना है कि उन्हें हाईकमान का हर फैसला मंजूर है। संदीप यादव गहलोत की सरकार बचाने में बहुत महत्वपूर्ण हैं और वह अब हाईकमान का फैसला मंजूर करने की बात कर रहे हैं।
शेर जब जंगल मे दौड़ता है तो सारे गीदड़ इकट्ठा हो जाते हैं: पायलट गुट के विधायक
पायलट गुट के विधायक इन्द्रराज गुर्जर ने सचिन पायलट को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पायलट 'बाहरी' नहीं 'भारी' हैं। वह प्रदेश और देश की जनता के चहेते हैं। प्रकृति का नियम है कि ताकतवर के खिलाफ कमजोरों का समूह बढ़ता है। शेर जब जंगल मे दौड़ता है तो सारे गीदड़ इकट्ठा हो जाते हैं, लेकिन शेर का मुकाबला नहीं कर पाते।
सचिन पायलट को लेकर बोले महेश जोशी, 'उनका लॉयलटी टेस्ट किया जाना चाहिए'
सचिन पायलट को लेकर राजस्थान सरकार में मंत्री महेश जोशी ने कहा कि उन्हें कोई महत्वपूर्ण भूमिका दिए जाने पर विचार किया जा रहा है तो पहले उनका लॉयलटी टेस्ट किया जाना चाहिए।
कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरना ने कही ये बात
कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरना ने कहा है कि मैं आज से अब कोई भी आदेश चीफ व्हिप से नहीं लूंगी। पार्टी के खिलाफ षड़यंत्र हो रहा था। जब सीएलपी की मीटिंग बुलाई गई तो क्यों पहले मीटिंग घर पर रख ली गई। क्या वजह थी इस तरह से मीटिंग बुलाने की? शांति धारीवाल कौन होते हैं मीटिंग बुलाने वाले? हमने पहले भी जहर का घूंट पिया था। आलाकमान के प्रति निष्ठा है और इन बागियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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