राहुल गांधी ने अलग अंदाज में दी शिक्षक दिवस की बधाई, बोले- मैं अपने विरोधियों को भी...
भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को देश शिक्षक दिवस मनाता है। राधाकृष्णन को भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद् और महान दार्शनिक के तौर पर जाना जाता है।
5 सितंबर की तारीख को पूरा देश शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है। पीएम मोदी से लेकर तमाम नेताओं ने इस दिन के महत्व को देखते हुए देश को शुभकामनाएं दी हैं। अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी अलग अंदाज में शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इस खास दिन की बधाई देते हुए कहा कि वह अपने विरोधियों को भी अपना गुरु मानते हैं।
क्या बोले राहुल?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने फेसबुक पेज से शिक्षक दिवस की बधाई दी। उन्होंने लिखा- "राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर सभी गुरुजनों को मेरा सादर नमन। भारत के पूर्व राष्ट्रपति, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। गुरु का स्थान जीवन में बहुत ऊंचा होता है, जो आपके जीवन के मार्ग को प्रकाशित कर, सही दिशा में चलने की प्रेरणा देते हैं। महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध, श्री नारायण गुरु जैसे महापुरुषों को गुरु मानता हूं, जिन्होंने हम सबको समाज में सर्वजन की समानता, और हर किसी के प्रति करुणा और प्रेम का ज्ञान दिया।"
विरोधियों को भी गुरु मानता हूं
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि भारत के लोग भी गुरु समान है, जो हमारे देश की विविधता में एकता का उदाहरण देते हैं, हर समस्या से हिम्मत के साथ लड़ जाने की प्रेरणा देते हैं, जो विनम्रता और तपस्या का साक्षात रूप हैं। उन्होंने आगे लिखा- "अपने विरोधियों को भी मैं अपना गुरु ही मानता हूं, जो अपने आचरण से, अपने झूठों से, अपनी बातों से मुझे ये सिखाते हैं की मैं जिस रास्ते पर चल रहा हूं वो बिल्कुल सही है - और इस पर आगे बढ़ते रहने के लिए हर कीमत कम है।"
पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती
भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को देश शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है। राधाकृष्णन को भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद् और महान दार्शनिक के तौर पर जाना जाता है। पीएम मोदी ने भी सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि शिक्षक हमारे भविष्य के निर्माण और प्रेरक सपनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम उनके अटूट समर्पण और महान प्रभाव के लिए उन्हें सलाम करते हैं।
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