नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को बताया कि कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘प्रोटेम स्पीकर’ भर्तृहरि महताब को पत्र लिखकर बताया है कि राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे। वेणुगोपाल ने बताया कि ‘I.N.D.I.A.’ गठबंधन के घटक दलों के नेताओं की बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया। बता दें कि NCP (SP) सुप्रीमो शरद पवार ने पहले ही कह दिया था कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के बारे में कांग्रेस फैसला करेगी क्योंकि I.N.D.I.A. गठबंधन में सबसे ज्यादा सांसद कांग्रेस के पास हैं।
10 साल बाद निचले सदन को मिलेगा विपक्ष का नेता
बता दें कि मौजूदा लोकसभा चुनाव में ‘I.N.D.I.A.’ गठबंधन के घटक दलों की सीटों की संख्या बढ़ने के साथ ही निचले सदन को 10 साल बाद राहुल गांधी के रूप में विपक्ष का नेता (LoP) मिलेगा, साथ ही विपक्षी नेताओं को यह भी उम्मीद है कि जल्द ही उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। उपाध्यक्ष का पद आमतौर पर विपक्षी खेमे को मिलता है। बता दें कि लोकसभा में पिछले 5 साल से उपाध्यक्ष का पद रिक्त है। 5 जून को भंग हुई 17वीं लोकसभा को अपने पूरे कार्यकाल के लिए कोई उपाध्यक्ष नहीं मिला तथा यह निचले सदन का लगातार दूसरा कार्यकाल था, जिसमें कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं था।
राहुल गांधी ने संविधान की प्रति साथ रखकर ली शपथ
बता दें कि राहुल गांधी इस बार उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। बता दें कि इससे पहले वह लोकसभा में केरल के वायनाड और उत्तर प्रदेश के अमेठी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने मंगलवार को लोकसभा सदस्यता की शपथ ली। इस दौरान उन्होंने संविधान की एक प्रति भी अपने साथ रखी थी। अंग्रेजी में शपथ लेने के बाद उन्होंने उन्होंने ‘जय हिंद, जय संविधान’ का नारा भी लगाया। शपथ के लिए जब राहुल गांधी का नाम पुकारा गया तो कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और ‘जोड़ो जोड़ो, भारत जोड़ो’ के नारे लगाने लगे।
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