'राहुल गांधी में हिम्मत हो तो एक दिन अंडमान जेल में बिताएं', सावरकर के अपमान पर भड़क उठे उनके पोते
रंजीत सावरकर ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत हो तो वो सिर्फ एक दिन अंडमान की जेल में बिताकर दिखाएं। उन्होंने उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ रहना उनकी राजनीतिक मजबूरी है।
कांग्रेस नेता प्रियंक खरगे द्वारा विनायक दामोदर सावरकर पर की गई टिप्पणियों पर अब सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के नेता वो चाहे कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे हो या कोई दूसरे बड़े नेता, उनके पास खुद का काम देश की जनता को बताने के लिए कुछ नही रहा। इसलिए वो बार-बार वीर सावरकर (विनायक दामोदर सावरकर) का अपमान करते है। लेकिन महाराष्ट्र और देश की जनता अब सब सच जान गई है और कांग्रेस और उनके नेता को सबक सिखाएगी।
उद्धव ठाकरे से क्या उम्मीद करें- रंजीत सावरकर
रंजीत सावरकर ने उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ रहना उनकी राजनीतिक मजबूरी है। इसलिए वह चाहकर भी कांग्रेस से विरोध नही जाता सकते। उन्होंने दावा किया कि जब उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री खुद थे तब कांग्रेस के एक लेख में वीर सावरकर पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थी। इसे लेकर मैं खुद उद्धव ठाकरे से मिलना चाहा लेकिन तब उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। तो ऐसे में उद्धव ठाकरे से क्या उम्मीद की जा सकती है।
राहुल गांधी में हिम्मत हो तो...
विनायक दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीतिक विचारधारा का पतन हो चुका है, उनके पास कुछ करने या बोलने को नही बचा है इसलिए वीर सावरकर पर टिप्पणी करते है। रंजीत ने चुनौती देते हुए कहा कि राहुल गांधी समेत उनके किसी भी नेता के पास हिम्मत हो तो वो सिर्फ एक दिन अंडमान की जेल में बिताकर दिखाएं।
कश्मीर को सिर्फ ATM की तरह इस्तेमाल किया गया
रंजीत सावरकर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 370 पर दिए गए फैसले पर भी रिएक्शन दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में चाहे अबदुल्लाह हो या मुफ़्ती का परिवार, धारा 370 और 35 (A) लागू रहते कश्मीर को सिर्फ ATM की तरह इस्तेमाल किया। मैं 3-4 बार कश्मीर गया, वहां इन दोनों परिवार की बड़ी-बड़ी कोठियां देखी हैं लेकिन कश्मीर के लोगों को उनकी जमीन की भी सही कीमत नही मिलती थी। अब धारा 370 हटने के बाद से बहुत सी चीजें बदल गयीं है, तो ऐसे में अब्दुल्लाह हो या मुफ़्ती, यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध तो करेंगे ही, क्योंकि इनकी राजनीति इससे चलती है। उन्होंने कहा कि देश मे दो सबसे बड़े विवाद- कश्मीर में धारा 370 और अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा अब खत्म हो गया है। इसके लिए मोदी सरकार को धन्यवाद देना चाहिए।
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