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Rahul Gandhi का Modi Government पर बड़ा आरोप, कहा- कालेधन को सफेद करने के लिए हुई थी नोटबंदी

राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के नाम पर देश को अचानक लाइन में लगा दिया गया।

Rahul Gandhi, Rahul Gandhi Demonetization, Demonetization, Modi Demonetization- India TV Hindi Image Source : PTI FILE Congress Leader Rahul Gandhi.

Highlights

  • राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी का दर्द देश कभी नहीं भूलेगा।
  • घंटों लाइन में लगने की वजह से कई लोगों की मौत हो गई थी: राहुल गांधी
  • राहुल ने कहा कि बैंकों में अब पहले से ज्यादा नकली नोट पहुंच रहे हैं।

नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जाली नोटों से संबंधित भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी कालेधन को सफेद करने के लिए की गई थी और इसकी वजह से जनता को तमाम तरह के कष्ट झेलने पड़े थे। उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी का दर्द देश कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर नोटबंदी लागू की थी।

‘लोग अपना ही पैसा निकालने को तरस गए थे’
राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के नाम पर देश को अचानक लाइन में लगा दिया गया। लोग अपना ही पैसा निकालने के लिए तरस गए, कई घरों में शादियां थीं, बच्चों और बुज़ुर्गों के इलाज चल रहे थे, गर्भवती महिलाएं थीं, लेकिन लोगों के पास पैसे नहीं थे। घंटों लाइन में लगने की वजह से कई लोगों की मौत हो गई।’ कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘2022 में रिजर्व बैंक के हवाले से खबर आयी कि बैंक में पहुंचे 500 रुपये के 101.9 प्रतिशत और 2 हजार रुपये के 54.16 प्रतिशत से ज्यादा नोट, नकली हैं।’


‘कैशलेश इंडिया का क्या हुआ, प्रधानमंत्री जी?’
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘2016 में जहां 18 लाख करोड़ 'कैश इन सर्कुलेशन' में था, वहीं आज 31 लाख करोड़ 'कैश इन सर्कुलेशन' में है। सवाल है कि आपके 'डिजिटल इंडिया', 'कैशलेस इंडिया' का क्या हुआ, प्रधानमंत्री जी? नोटबंदी के वक्त मैंने कहा था कि ये ‘राष्ट्रीय त्रासदी' है। गलतफहमी में मत रहिए- मोदी जी से गलती नहीं हुई, ये जानबूझ कर किया गया है ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूंजीपतियों का लाखों करोड़ रुपये का कर्ज़ माफ किया जा सके और उनके कालेधन को सफेद किया जा सके। राजा के एक तानाशाही फरमान ने जनता को कभी न भूल पाने वाली चोट दी है, नोटबंदी का दर्द देश कभी नहीं भूलेगा।’

RBI की रिपोर्ट में सामने आई अहम जानकारी
बीते वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकिंग सिस्टम में मिले जाली 500 रुपये के नोटों की संख्या इससे पिछले वित्त वर्ष (2020-21) की तुलना में दोगुना से भी अधिक होकर 79,669 पर पहुंच गई। RBI की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में 2,000 रुपये मूल्य के 13,604 जाली नोटों का पता चला। 2020-21 की तुलना में यह 54.6 प्रतिशत ज्यादा हैं। बीते वित्त वर्ष में बैंकिंग क्षेत्र में मिले विविध मूल्यों की कुल जाली भारतीय करेंसी नोट की संख्या बढ़कर 2,30,971 हो गई, जो 2020-21 में 2,08,625 थी। साल 2019-20 में 2,96,695 जाली नोट पकड़ में आए थे।

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