'हमारे लिए, बीजेपी और TRS एक ही हैं, दोनों एक सिक्के के दो पहलू'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि TRS और बीजेपी राजनीतिक दल नहीं बल्कि व्यापारिक संस्थाएं हैं, जिनका मकसद लोगों के लिए काम किए बिना ‘सरकारी पैसा लूटना’ है।
Hyderabad News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं तथा ये दोनों ही पार्टियां लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं और धनबल की राजनीति में लिप्त हैं। दिवाली के लिए चार दिन के अवकाश के बाद अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ फिर से शुरू करने वाले गांधी ने कहा कि TRS केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए विधेयकों का पारित होने के लिए समर्थन करती थी। उन्होंने कहा, ‘‘टीआरएस ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों को पूरा समर्थन दिया था।’’
'बीजेपी- टीआरएस एक-दूसरे का समर्थन करते हैं'
नारायणपेट जिले के गुनमुकला, मारिकल में एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस विधानसभा में कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आई थी, लेकिन TRS ने इसका समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि, हमारे लिए, बीजेपी और TRS एक ही हैं। वे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। वे मिलकर काम करते हैं। आपको इसे समझने की जरूरत है। वे एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। दिल्ली में TRS उनका समर्थन करती है और तेलंगाना में बीजेपी इस पार्टी(TRS) का समर्थन करती है।’’ TRS सरकार को शायद देश की ‘सबसे करप्ट सरकार’ बताते हुए राहुल ने 15,000 करोड़ रुपये के कथित ‘मियापुर भूमि घोटाले’ और तेलंगाना की कालेश्वरम सिंचाई प्रोजेक्ट का हवाला दिया।
'बीजेपी राजनीतिक दल नहीं बल्कि व्यापारिक संस्थाएं हैं'
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि TRS और बीजेपी राजनीतिक दल नहीं बल्कि व्यापारिक संस्थाएं हैं, जिनका मकसद लोगों के लिए काम किए बिना ‘सरकारी पैसा लूटना’ है। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ने के लिए पीएम मोदी की सरकार की नोटबंदी को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आज स्थिति ऐसी है कि देश या तेलंगाना भले रोजगार देना चाहे, लेकिन ऐसा नहीं किया जा सकता है।
रसोई गैस की कीमत में बढ़ोतरी पर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि गुजरात के सीएम के रूप में मोदी शिकायत करते थे, जब UPA शासन के दौरान LPG सिलेंडर की कीमत 400 रुपये थी, लेकिन वह अब इसके बारे में एक शब्द भी नहीं कहते हैं, जब कीमत 1,000 रुपये से ऊपर है।