राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- 'जितनी टैपिंग करनी है कर लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ये लोग आपका ध्यान कभी इधर, कभी उधर ले जाते हैं, आपके दिल में गुस्सा पैदा करते हैं और जब आपके अंदर नफरत आती है तब इस देश का धन ले जाते हैं।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जासूसी का आरोप लगाते हुए मगंलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार पर बरसते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मा अडानी में है। राहुल गांधी ने फोन निर्माता कंपनी Apple की तरफ से आए एक ईमेल का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इस बात से कतई फर्क नहीं पड़ता कि उनके फोन की टैपिंग हो रही है। केंद्र सरकार पर बरसते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'असलियत यह है कि राजा, राजा ही नहीं है, पावर किसी और के हाथ में है। जैसे ही हम अडानी पर जाते हैं वैसे ही इंटेलिजेंस एजेंसी, जासूसी, CBI आते हैं। अभी नंबर-1 अडानी, नंबर-2 प्रधानमंत्री और नंबर-3 पर अमित शाह हैं।'
'पूरे विपक्ष के खिलाफ Apple का नोटिस आया है'
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में Apple की तरफ से आए ईमेल की प्रिंटेड कॉपी दिखाते हुए कहा, 'पूरे विपक्ष के खिलाफ Apple का नोटिस आया है। पूरे विपक्ष के खिलाफ Apple का नोटिस आता है। यह मेरे कार्यालय में सभी लोगों को मिला है। कांग्रेस पार्टी में लिस्ट बनी हुई है। यह सारे किसी न किसी तरीके से इस मामले में शामिल हैं। आपका ध्यान कभी इधर, कभी उधर ले जाते हैं, आपके दिल में गुस्सा पैदा करते हैं और जब आपके अंदर नफरत आती है तब ये लोग इस देश का धन ले जाते हैं। यह नोटिस वेणुगोपाल, पवन खेड़ा, सीताराम येचुरी, अखिलेश यादव, सुप्रिया, प्रियंका चतुर्वेदी, महुआ मोइत्रा, राघव चड्ढा, इन सबको मिला है। ये सब अडानी के खिलाफ आवाज उठाते हैं। पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर अडानी को दे दिया। जितनी टैपिंग करनी है, कर लो। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।'
विपक्षी सांसदों ने कही चेतावनी मिलने की बात
बता दें कि TMC नेता महुआ मोइत्रा, शिवसेना (UBT) नेता की प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा का कहना था कि उन्हें अपने फोन निर्माता से चेतावनी का संदेश मिला है कि, 'स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स उनके फोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं।' आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी का भी कहना था कि उन्हें अपने फोन निर्माता से 'स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स द्वारा उनके फोन पर हमला करने की कोशिश करने' को लेकर चेतावनी मिली है।
'जासूसी किसलिए? इसकी जांच होनी चाहिए'
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'ये बड़े दुख की बात है, सुबह ये जानकारी मिली और इस प्रकार का मैसेज कंपनी के माध्यम से आया है। मैसेज में बताया जा रहा है कि स्टेट की ओर से आपका फोन हैक किया जा रहा है। दुख की बात है कि लोकतंत्र में आजादी और निजता को भी ये खत्म करना चाहते हैं। जासूसी किस लिए? इसकी जांच होनी चाहिए।'