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Hindi News भारत राजनीति हाथ में गदा और मुंह पर हनुमान जी का मुखौटा, राहुल गांधी की इन तस्वीरों का क्या है मतलब?

हाथ में गदा और मुंह पर हनुमान जी का मुखौटा, राहुल गांधी की इन तस्वीरों का क्या है मतलब?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक फोटो इन दिनों सामने आई है। इस फोटो में उन्होंने चेहरे पर हनुमान जी का मुखौटा लगाया है और हाथ में गदा लिए हुए हैं। जानें राहुल गांधी ने इस तरह की तस्वीर क्यो शेयर की है...

हाथ में गदा लिए और हनुमान जी का मुखौटा लगाए दिखे राहुल गांधी।- India TV Hindi Image Source : ASSAM CONGRESS (X) हाथ में गदा लिए और हनुमान जी का मुखौटा लगाए दिखे राहुल गांधी।

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर के राज्यों से इसकी शुरुआत की है। मणिपुर से शुरू हुई ये यात्रा महाराष्ट्र में जाकर समाप्त होगी। वहीं इस यात्रा के क्रम में राहुल गांधी मणिपुर से निकलकर इन दिनों असम में लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। इसी बीच राहुल गांधी असम के माजुली जिले में पहुंचे। यहां राहुल गांधी औनियाती सत्र में शामिल हुए। यहां जाने के लिए राहुल गांधी ने नाव का सहारा लिया। नाव से माजुली जाने के बाद राहुल गांधी माजुली के पवित्र औनियाती सत्र में शामिल हुए।

औनियाती सत्र के दौरान की हैं तस्वीरें

माजुली में औनियाती सत्र के दौरान राहुल गांधी की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह हनुमान जी का मुखौटा पहने और हाथ में गदा लिए हुए हैं। राहुल गांधी ने यहां की मुखौटा बनाने वाली पारंपरिक कला को बढ़ावा देने के लिए ये मुखौटा पहनकर फोटो शेयर की। इसके बाद वह औनियाती सत्र में शामिल हुए। औनियाती सत्र में शामिल होने के बाद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि 'आज, असम में ब्रह्मपुत्र नदी में नाव की यात्रा कर श्री श्री औनियाती सत्र के दर्शन के लिए पहुंचा। सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, शंकर देव जी की भूमि, असम हमें सभी को साथ लेकर चलने का जीवन दर्शन सिखाती है। ऐसी महान संस्कृति को नजदीक से जानने और समझने का मौका पाकर संतोष प्राप्त हुआ।'

क्या है औनियाती सत्र?

वहीं औनियाती सत्र के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट की है। उन्होंने लिखा है कि 'श्री श्री औनियाती सत्र की स्थापना 1663 में माजुली में हुई थी। यह हमारे देश के विविधता से भरे अद्भुत सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां भगवान कृष्ण की गोविंदा के रूप में पूजा की जाती है, जिसकी मूल मूर्ति पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर से लाई गई है। इस संप्रदाय के ऐसे ही पूजा स्थल नाथद्वारा, द्वारका और मणिपुर में हैं। वहां बीता आधे घंटे का समय निस्संदेह भारत जोड़ो न्याय यात्रा के छठे दिन का मुख्य हाईलाइट है।'

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