भागवत के बयान पर राहुल गांधी का तंज, "हिंदुत्ववादी सभी भारतीयों का DNA समान मानते, जबकि हिंदू हर व्यक्ति का DNA अलग और अनंत मानते"
RSS Chief मोहन भागवत ने हिमाचल दौरे के दौरान एक कार्यक्रम में कहा है कि 40,000 साल से भारत के लोगों का डीएनए समान है।
Highlights
- भागवत बोले- आरएसएस सरकार का रिमोट कंट्रोल नहीं
- भागवत के डीएनए वाले बयान पर राहुल गांधी का तंज
- हिंदू और हिंदुत्व पर कही ये बात
नयी दिल्ली: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के डीएनए वाले बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तंज कसा है। राहुल गांधी ने फिर से हिंदू और हिंदुत्ववादी को लेकर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने रविवार को कहा, "हिंदू मानते हैं कि हर व्यक्ति का DNA अलग और अनन्य होता है। हिंदुत्ववादी मानते हैं कि सब भारतीयों का DNA समान है।"
दरअसल, मोहन भागवत ने हिमाचल दौरे के दौरान एक कार्यक्रम में कहा है कि 40,000 साल से भारत के लोगों का डीएनए समान है। भागवत ने कहा, " हम यहां पर हैं और पक्के हैं, चलते हुए आ रहे हैं। 40,000 साल पूर्व से भारत के लोगों का, आज के लोगों का डीएनए समान है... ऐसी ही हवा में बात नहीं कर रहा हूं मैं.. हुआ है और आगे की घड़ी में भी वहीं सिद्ध हुआ है। हम समान पूर्वजों के वंशज हैं, उन पूर्वजों के कारण अपना देश फला-फूला, अपनी संस्कृति आज तक चलती आई।"
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में हिंदू और हिंदुत्व की एंट्री हो चुकी है। पिछले दिनों राहुल गांधी ने कहा था, ''दो शब्दों का एक मतलब नहीं हो सकता। हर शब्द का अलग मतलब होता है। एक हिन्दू है और दूसरा हिन्दुत्ववादी। मैं हिन्दू हूं लेकिन हिन्दुवादी नहीं। महात्मा गाँधी- हिन्दू थे, गोडसे - हिन्दुवादी।''
राहुल गांधी ने कहा था कि देश की राजनीति में आज दो शब्दों का अंतर है। उन्होंने कहा, "इन दो शब्दों के मतलब अलग-अलग हैं। एक शब्द हिंदू और दूसरा शब्द हिंदुत्ववादी, ये एक शब्द नहीं है, ये दोनों अलग है, मैं हिंदू हूं लेकिन मैं हिंदुत्ववादी नहीं हूं।''
जिसके बाद राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा था, "आक्रांताओं ने हमेशा काशी को तोड़ने की कोशिश की है लेकिन ऐसा हो नहीं सका और दुनिया ने माना की काशी सबसे प्राचीन है। वो राहुल गांधी हों या अखिलेश यादव हों जब ये सनातन की परंपराओं पर हमला करते हैं तो ये आक्रांताओं की श्रेणी में आते हैं।"
‘हमें सरकार से क्या मिलता है’
अपने दौरे के दौरान धर्मशाला में मोहन भागवत ने कहा, ‘सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है। लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है। उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।’ चिकित्सा में प्राचीन भारतीय पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया। अब, दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है। हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है।’
‘भागवत हिमाचल प्रदेश के 5 दिवसीय दौरे पर हैं’
सूत्रों के मुताबिक मोहन भागवत हिमाचल प्रदेश के 5 दिवसीय दौरे पर हैं और वो तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात कर सकते हैं। शनिवार को RSS प्रमुख ने दिवंगत CDS बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा जिनका हाल ही में तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था। उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी। उन्होंने समाज सुधारक डॉ. बी. आर. आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, ‘हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं।’