अमरावती: आंध्र प्रदेश के नरसापुरम से लोकसभा सदस्य के. रघु रामकृष्ण राजू ने शनिवार को वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली YSRCP से इस्तीफा दे दिया। इसे लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राजू के पिछले लगभग 4 साल से मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से मतभेद रहे हैं। उन्होंने रेड्डी को तीखे शब्दों में लिखे इस्तीफे में कहा कि समय आ गया है कि दोनों को खुद को 'हमेशा के लिए अरुचिकर संबंध' से मुक्त कर देना चाहिए। राजू ने कहा, 'मैं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सक्रिय सदस्यता से अपना इस्तीफा देता हूं और उम्मीद करता हूं कि आप (रेड्डी) इसे शीघ्र या अपनी सुविधानुसार स्वीकार करेंगे।'
2 और सांसद छोड़ चुके हैं पार्टी
के. रघु रामकृष्ण राजू ने कहा कि उन्हें संसदीय सदस्यता से अयोग्य घोषित कराने के रेड्डी के कई कथित प्रयास विफल रहे। राजू से पहले मछलीपट्टनम से सांसद बालाशोवरी वल्लभनेनी, नरसरावपेटा से सांसद एल. श्रीकृष्ण देव रायलु आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ YSRCP छोड़ चुके हैं। आंध्र प्रदेश में कुछ महीनों बाद लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों में YSRCP ने सूबे की 25 में से 22 लोकसभा सीटों पर दर्ज की थी। वहीं, 2019 में ही हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 175 में से 151 सीटों पर जीत दर्ज की थी और जगन रेड्डी पहली बार मुख्यमंत्री बने थे।
कई पार्टियां बदल चुके हैं राजू
बता दें कि राजू इससे पहले भी एक बार YSRCP छोड़ चुके हैं। 2014 में लोकसभा का टिकट न मिलने पर उन्होंने YSRCP छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी। इसके बाद 2018 में बीजेपी छोड़कर उन्होंने तेलुगू देशम पार्टी का दामन थाम लिया था। बाद में मार्च 2019 में उन्होंने एक बार फिर जगन रेड्डी के नेतृत्व वाली पार्टी में घर वापसी की थी। 2019 के लोकसभा चुनावों में राजू ने YSRCP के टिकट पर नरसापुरम से चुनाव लड़ा और 31 हजार से ज्यादा वोटों से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को पराजित किया था। हांलांकि चुनाव जीतने के बाद से उनके और जगन रेड्डी के बीच में रिश्ते खराब हो गए थे।
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