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Hindi News भारत राजनीति नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर का हमला, कहा- 'अभी लालटेन पकड़कर लटके हैं पता नहीं कब...'

नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर का हमला, कहा- 'अभी लालटेन पकड़कर लटके हैं पता नहीं कब...'

जन सुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग जातपात से ही बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जो लोग इससे बाहर निकल भी रहे हैं वह धर्म में जाकर फंस रहे हैं। इससे बिहार का ही नुकसान हो रहा है।

Prashant Kishor - India TV Hindi Image Source : FILE प्रशांत किशोर

सीतामढ़ी: प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार मौकापरस्त बताते हुआ कहा कि उनका कोई पता नहीं है कि वह कब किसके साथ हो जाएं। उन्होंने कहा कि वह आज लालटेन पकड़कर लटके हैं और कब उछलकर बीजेपी के कमल के फूल पर जाकर बैठ जाएंगे। 

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में दो ही पार्टी हैं, जिसमें एक बीजेपी है और दूसरी लाल यादव की लालटेन है। नीतीश कुमार का तो पता नहीं वह कब तक लालटेन पड़कर लटके हैं और कब उछलकर कमल के फूल पर जा बैठेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में लोग चुनाव के समय सिर्फ जात और धर्म के नाम पर वोट करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि चाहे वह कितना भी बड़ा चोर और अपराधी क्यों ना हो लोग अपने जाट वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे हैं और फिर बाद में बिहार के शिक्षा सड़क और विकास की बदहाली का रोना रोते हैं।

'बिहार की जनता जातपात से ही ऊपर नहीं उठ पा रही'

बता दें कि प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में जनसुराज यात्रा निकाल रहे हैं। इस दौरान वह सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। यहां उन्होंने कहा कि आज बिहार की जनता जातपात से ही ऊपर नहीं उठ पा रही है। जब जात से कुछ लोग बाहर निकलते हैं तो वह धर्म में जाकर फंस जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि बिहार में सभी लोग जाट पर वोट करते हैं। अगर बिहार में सभी लोग जात पर वोट करते तो मोदी जी के जात का बिहार में बहुत कम लोग हैं तो फिर वह कैसे बिहार में जीतते।

जातीय जनगणना के बाद नीतीश कुमार ने बुलाई बैठक 

वहीं बिहार सरकार के जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने के बाद राजनीति चरम पर है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए मंगलवार 3 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए 9 दलों को बुलाया गया है और इसमें इस रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। वहीं इससे पहले नीतीश कुमार ने रिपोर्ट जारी करने के बाद इसे ऐतिहासिक बताया था। 

रिपोर्ट - सौरभ

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