Popular Front of India: पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी(Mukhtar Abbas Naqvi) ने केंद्र सरकार के ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ PFI पर बैन लगाए जाने के फैसले को देशहित में की गई कारर्वाई बताया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को कहा कि कुछ राजनीतिक दल ऐसे भी हैं जो इस कार्रवाई को लेकर भी सियासी नफा नुकसान का गुणा भाग कर रहे हैं। उन्होंने एक बयान में कहा," लोकतंत्र के खिलाफ हिंसक साजिश के तहत गतिविधियां चला रहे कुछ संगठनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। देश की सुरक्षा हमारी ताकत है यह कार्रवाई देश की सुरक्षा और देशहित में है।"
देश की सुरक्षा के लिए की है कार्रवाई
पूर्व केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा, ‘‘अफसोस की बात है कि पहले कुछ राजनीतिक दल ऐसे लोगों को प्रश्रय दे रहे थे। ऐसे ही लोग अब भी उनके साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। यही लोग कभी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल करेंगे। जब इस तरह के संगठनों (पीएफआई) पर कार्रवाई होती है तो ये लोग इनके साथ खड़े होते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार ने शैतानी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई की है तो देश की सुरक्षा के लिए की है। अफसोस की बात है कि कुछ लोग इसमें भी सियासी नफा-नुकसान का गुणा-भाग कर रहे हैं।’’
सरकार ने इन संगठनों को किया बैन
सरकार ने आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI) और उससे संबद्ध अन्य संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है। आतंकवाद रोधी कानून(UPA) के तहत ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (RIF), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (CFI), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (AIIC), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (NCHRO), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन’(केरल) को भी प्रतिबंधित किया गया है।
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