ठेकेदार की आत्महत्या से कर्नाटक में सियासी तूफान, मंत्री ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग हुई तेज
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बीजेपी की चुप्पी इस का संकेत है कि सत्ता में शीर्ष पर बैठे लोगों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता है।
Highlights
- हत्या, भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी ही BJP वर्कर को न्याय दिलाने का एकमात्र रास्ता है: सुरजेवाला
- सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बीजेपी की चुप्पी इस का संकेत है कि सत्ता में शीर्ष पर बैठे लोगों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता है।
- उडुपी पुलिस ने ईश्वरप्पा और उनके सहयोगियों बसवराज रमेश तथा अन्य के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा पर सरकारी ठेके में 40 पर्सेंट का कमीशन लेने का आरोप लगाने वाले एक ठेकेदार के कथित आत्महत्या के मामले को लेकर बुधवार को कहा कि ‘हत्या और भ्रष्टाचार के आरोप में’ मंत्री की गिरफ्तारी न्याय के लिए जरूरी है। पार्टी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘हत्या और भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी ही बीजेपी कार्यकर्ता को न्याय दिलाने का एकमात्र रास्ता है। प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं? बीजेपी अध्यक्ष चुप क्यों हैं?’
सुरजेवाला ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बीजेपी की चुप्पी इस का संकेत है कि सत्ता में शीर्ष पर बैठे लोगों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता है। ठेकेदार संतोष के पाटिल ने आरोप लगाया था कि ईश्वरप्पा ने बेलगावी जिले के हिंदाल्गा गांव में निकाय कार्य कराने के लिए जारी निधि में से 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। मंगलवार को एक लॉज में पाटिल का शव पाया गया था। उडुपी पुलिस ने ईश्वरप्पा और उनके सहयोगियों बसवराज रमेश तथा अन्य के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। मंत्री ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों का खंडन किया है।
अरुण सिंह ने कांग्रेस पर किया पलटवार
बीजेपी के महासचिव और कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह ने ईश्वरप्पा का इस्तीफा मांगने को लेकर बुधवार को कांग्रेस पर पलटवार करते हुए राजस्थान में हो रहे ‘अत्याचार और बलात्कार’ का हवाला दिया। सिंह ने बेलगावी जिले के चिक्कोड़ी में कहा, ‘यह बेहद दुखद घटना है। मैं इस पर अपना दुख व्यक्त करता हूं। मुख्यमंत्री इस पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं। इसके पीछे कौन सा कोण है? इसके पीछे कौन है? किसने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया? इस पर जांच के बाद शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा।’
‘राजस्थान में दलितों पर हो रहे हैं अत्याचार’
कांग्रेस पार्टी ने ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी और सरकार से बर्खास्तगी की मांग की है। मंत्री की बर्खास्तगी को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के बारे में पूछे गए सवाल पर सिंह ने कहा कि विपक्षी दल को देखना चाहिए कि उसके द्वारा शासित राजस्थान में दलितों पर किस प्रकार के अत्याचार किये जा रहे हैं। सिंह ने दावा किया, ‘जयपुर में एक एम्बुलेंस में एक महिला का रेप किया गया, करौली और धौलपुर में महिलाओं पर अत्याचार किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। प्रियंका गांधी सवाई माधोपुर में थीं जब एक महिला की हत्या हो गई लेकिन वह घटनास्थल पर नहीं गई।’
बोम्मई ने कहा, मैं उनसे बात करने जा रहा हूं
सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा, ‘एक FIR दर्ज की गई है। मैं अब उनसे (ईश्वरप्पा) बात करने जा रहा हूं और उनसे जानकारी एकत्र करूंगा। कुछ चीजों को लेकर उनसे फोन पर बात करूंगा और आमने-सामने की बातचीत के लिए उन्हें तलब करूंगा। जांच पूरी होने पर सच्चाई सामने आ जाएगी। इस मामले में पृष्ठभूमि बहुत महत्वपूर्ण है।’ उन्होंने जोर दिया कि मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा और जांच कानून के अनुसार होगी। उन्होंने कहा, ‘हमारे राष्ट्रीय नेता इस पूरे मामले से अवगत हैं। यहां तक कि मैंने भी उन्हें सूचित कर दिया है।'
‘आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक नहीं लेगें शव’
वहीं, निकाय ठेकेदार संतोष के. पाटिल के परिजनों ने कहा है कि वह उसका शव तब तक नहीं लेंगे जब तक कि इस मामले में आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते। उडुपी पुलिस ने पाटिल की मौत के मामले में आवश्यक कार्रवाई बुधवार को पूरी कर ली। हालांकि, पाटिल के भाई प्रशांत समेत उसके परिवार ने कहा है कि जब तक प्राथमिकी में नामजद 3 आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते तब तक वे पाटिल का शव नहीं लेंगे। उडुपी पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए ईश्वरप्पा को प्रथम आरोपी बनाया गया है।
‘हम शव को मनिपाल ट्रांसफर नहीं होने देंगे’
लॉज का दौरा करने के बाद प्रशांत ने मंगलवार रात को एक शिकायत दर्ज कराई थी तथा ईश्वरप्पा और उनके स्टाफ के कर्मचारियों रमेश तथा बसवराज को आरोपी बनाया था। प्रशांत ने कहा कि शव का पोस्टमॉर्टम होने से पहले आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने उडुपी में कहा, ‘हम शव को मनिपाल ट्रांसफर नहीं होने देंगे। हमने पहले ही मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपने रुख से अवगत करा दिया है। हम न्याय के लिए लड़ रहे हैं और संतोष की आत्मा की शांति के लिए यह फैसला लिया है।’
ठेकेदार ने मोदी और शाह को लिखा था पत्र
बता दें कि कर्नाटक के बेलगावी जिले के एक ठेकेदार तथा बीजेपी कार्यकर्ता संतोष पाटिल ने आरोप लगाया था कि मंत्री ईश्वरप्पा ने एक काम के लिए अपने सहायकों के मार्फत उससे 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। मंगलवार को उडुपी स्थित एक लॉज में पाटिल ने कथित तौर पर जहर का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह को पत्र लिख कर ईश्वरप्पा पर अपने द्वारा किए गए काम के लिए 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया था।