प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद की सुरक्षा में चूक संबंधी घटना की गंभीरता को बृहस्पतिवार को रेखांकित करते हुए विश्वास जताया कि भविष्य में ऐसी कोई चूक न हो, इसके लिए सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि मोदी ने यह टिप्पणी लोकसभा की कार्यवाही के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद अध्यक्ष ओम बिरला और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ एक बैठक के दौरान की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस-शासित कर्नाटक विधानसभा में विधायकों के बीच एक नागरिक के बैठने की घटना का भी जिक्र किया। सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने कहा कि इतनी बड़ी सुरक्षा चूक को कभी प्रमुखता नहीं मिली। जुलाई में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा कर्नाटक विधानसभा में बजट पेश किये जाने के दौरान एक व्यक्ति सदन में प्रवेश कर गया था और पहचान उजागर होने से पहले कुछ वक्त के लिए विधायक की कुर्सी पर बैठने में कामयाब हो गया था।
संसद की सुरक्षा में चूक पर पीएम मोदी क्या बोले
केंद्र ने कहा है कि संसद की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय के अधिकार क्षेत्र में है और अध्यक्ष की ओर से जो भी दिशानिर्देश आएंगे, वह उन्हें लागू करेगा। हाल ही में एक साक्षात्कार में, मोदी ने कहा था कि संसद की सुरक्षा में चूक की घटना की गंभीरता को जरा भी कम करके नहीं आंका जाना चाहिये। साथ ही उन्होंने नसीहत दी थी कि ऐसे विषयों पर वाद-विवाद या प्रतिरोध से सभी को बचना चाहिये। उनकी यह टिप्पणी दोनों सदनों में विपक्ष के विरोध के संदर्भ में थी। मोदी और कुछ अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने एक रस्मी बैठक में अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। प्रधानमंत्री और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता आमतौर पर प्रत्येक सत्र की समाप्ति के बाद अध्यक्ष से मिलने जाते हैं। संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर हंगामा करने के कारण निलंबित विपक्षी सदस्य बैठक से दूर रहे।
बैठक में कई नेता रहे मौजूद
बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और प्रह्लाद जोशी के अलावा बीजू जनता दल (बीजद) के भर्तृहरि महताब और शिवसेना के राहुल शेवाले समेत अन्य नेता मौजूद थे। यद्यपि शिवसेना सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी है, बीजू जनता दल तटस्थ रुख रखता है और प्रमुख निर्णयों में सरकार का समर्थन करता रहा है। लोकसभा की कार्यवाही निर्धारित अवधि से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। इस सत्र में लोकसभा ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को भी मंजूरी दी। ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर लाये गए हैं।
(इनपुट-भाषा)
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