सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह में शामिल होंगे प्रधानमंत्री मोदी, कई नई चीजों की करेंगे शुरुआत
26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने देश के संविधान को अंगीकार किया था, और इसी के उपलक्ष्य में 2015 के बाद से हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है।
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस समारोह में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में बताया कि वह इस मौके पर ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत कई पहलों की शुरुआत भी करेंगे। बता दें कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था, जिसके उपलक्ष्य में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। संविधान दिवस मनाने की शुरुआत 2015 में हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2015 को मुंबई में भीम राव आम्बेडकर स्मारक की आधारशिला रखते हुए इसकी घोषणा की थी।
कई नई चीजों की शुरुआत
PMO ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत जिन नई चीजों की शुरुआत करेंगे उनमें ‘वर्चुअल जस्टिस क्लॉक’, ‘जस्टआईएस मोबाइल ऐप 2.0’, डिजिटल कोर्ट और ‘S3WaaS’ शामिल हैं। बता दें कि ई-कोर्ट परियोजना कुशल और समयबद्ध, वादी केंद्रित, सुलभ, किफायती, पारदर्शी और जवाबदेह जूडिशल सिस्टम की परिकल्पना पर आधारित है। PMO ने कहा कि यह परियोजना वादियों, वकीलों और न्यापालिका को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के माध्यम से सेवाएं प्रदान करने की कोशिश है।
क्या है वर्चुअल जस्टिस क्लॉक?
PMO के मुताबिक, ‘वर्चुअल जस्टिस क्लॉक’ कोर्ट के स्तर पर जस्टिस डिलिवरी सिस्टम के महत्वपूर्ण आंकड़ों को प्रदर्शित करने की एक पहल है, जिसमें दिन, सप्ताह, महीने के आधार पर कोर्ट के लेवल पर दायर मामलों, निपटाए गए मामलों और लंबित मामलों की डिटेल दी गई है। बयान में कहा गया कि यह कोर्ट द्वारा निपटाये गये मुकदमों की स्थिति को जनता के साथ साझा कर अदालतों के कामकाज को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की एक कोशिश है। आम लोग जिला न्यायालय की वेबसाइट पर किसी भी न्यायालय प्रतिष्ठान की वर्चुअल जस्टिस क्लॉक का उपयोग कर सकते हैं।
बहुत काम का है JustIS मोबाइल ऐप 2.0
PMO के मुताबिक, JustIS मोबाइल ऐप 2.0 न्यायिक अधिकारियों के लिए अदालत और मुकदमों के कारगर प्रबंधन के लिए उपलब्ध एक टूल है, जो न सिर्फ उनकी अपनी अदालत बल्कि उनके अधीन काम करने वाले विभिन्न जजों के समक्ष लंबित मामलों और उसके निपटान की निगरानी करता है। यह ऐप हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए भी उपलब्ध कराया गया है जो अब अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी राज्यों और जिलों के लंबित मामलों और उसके निपटान की निगरानी कर सकते हैं।
एक सुरक्षित क्लाउड सर्विस है S3WaaS
डिजिटल कोर्ट, अदालतों को कागज रहित बनाने की दिशा में बदलाव लाने के उद्देश्य से जज को कोर्ट के रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध कराने से संबंधित एक पहल है। PMO ने कहा कि S3WaaS वेबसाइट्स जिला स्तर की न्यायपालिका से संबंधित निर्दिष्ट जानकारी और सेवाओं को प्रकाशित करने हेतु विभिन्न वेबसाइटों को बनाने और प्रबंधित करने का एक ढांचा है। यह एक क्लाउड सर्विस है जिसे सरकारी संस्थाओं के लिए सुरक्षित, मापनीय और सुगम्य वेबसाइट बनाने के लिए विकसित किया गया है।