पीएम मोदी ने उठाया 'कच्चाथीवू' द्वीप का मुद्दा, क्यों भारत के इस द्वीप पर है अब श्रीलंका का शासन
1975 तक कच्चाथीवू भारत का था और यह तमिलनाडु में भारतीय तट से सिर्फ 25 किमी दूर है। पहले भारतीय मछुआरे वहां जाते थे। हालांकि, अब यहां कई मछुआरों श्रीलंकाई सेना जेल में डाल देती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला किया है। पीएम ने कच्चाथीवू द्वीप का जिक्र किया है जिसे दशकों पहले भारत सरकार ने श्रीलंका सरकार को सौंप दिया था। कच्चाथीवू एक भारत और श्रीलंका के बीच में एक छोटा, निर्जन द्वीप है लेकिन मछुआरों के लिए इसका महत्व काफी ज्यादा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करने का आरोप लगाया है। आइए समझते हैं कि क्या है ये पूरा विवाद।
क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी X पर ट्वीट करते हुए कहा कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने बेरहमी से कच्चाथीवू को छोड़ दिया। इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह बात बैठ गई है कि हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना 75 वर्षों से कांग्रेस का काम करने का तरीका रहा है।
क्या है कच्चाथीवू द्वीप विवाद?
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं पूरे देश को याद दिलाना चाहूंगा कि यह 1975 तक कच्चाथीवू भारत का था और यह तमिलनाडु में भारतीय तट से सिर्फ 25 किमी दूर है। पहले भारतीय मछुआरे वहां जाते थे लेकिन इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान तत्कालीन सरकार ने इसे श्रीलंका को सौंप दिया। उस समझौते में यह भी कहा गया था कि कोई भी भारतीय मछुआरा वहां नहीं जा सकता। इस वजह से कई मछुआरों को पकड़कर जेल में डाल दिया गया और अत्याचार सहना पड़ा। न तो डीएमके इस मुद्दे को उठाती है और न ही कांग्रेस यह मुद्दा उठाती है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए त्रिवेदी ने पूछा कि वह इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं और उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि न केवल उनकी पार्टी बल्कि उनका परिवार भी इसके लिए जिम्मेदार है।
अमित शाह ने भी किया हमला
कच्चाथीवू विवाद पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी कांग्रेस पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कच्चाथीवू को छोड़ दिया और इसके लिए उन्हें कोई अफसोस भी नहीं है। गृह मंत्री ने कहा कि कभी कांग्रेस का कोई सांसद देश को बांटने की बात करता है तो कभी भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बदनाम करता है। इससे पता चलता है कि वे भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ हैं। वे केवल हमारे देश को बांटना या तोड़ना चाहते हैं।
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