इस साल देश के नौ राज्यों में चुनाव होने हैं। बीजेपी इन राज्यों में बड़ी जीत हासिल करने के लिए कमर कस चुकी है। वहीं कांग्रेस मुक्त भारत के नारे को साकार करने के मिशन में जुटी बीजेपी इस साल राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की राज्य सरकारों को हराने की पुरजोर तैयारी कर रही है। लेकिन बीजेपी में जीत का रिकॉर्ड बनाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात का बखूबी एहसास है कि सिर्फ तैयारियों से ही चुनाव में जीत नहीं मिलने वाली है। यही वजह है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में समापन भाषण देते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पार्टी नेताओं को अलग से हिदायत और नसीहत भी दी।
'सबको एकजुट होकर काम करना पड़ेगा'
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान का उल्लेख करते हुए कहा कि सिर्फ अशोक गहलोत सरकार की एंटी-इनकंबेंसी की वजह से राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं आने वाली है। बीजेपी की थाली में कोई सत्ता नहीं परोसेगा बल्कि इसके लिए राज्य में सबको एकजुट होकर काम करना पड़ेगा। जाहिर तौर पर इस नसीहत के जरिए प्रधानमंत्री राजस्थान में सभी गुटों के नेताओं को मिल कर चुनाव में जुट जाने की नसीहत दे रहे थे।
पीएम मोदी ने 1998 की दिलाई याद
राजस्थान के साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ के नेताओं को भी अति आत्मविश्वास से बचने की नसीहत देते हुए मध्य प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि 1998 में अलोकप्रिय होने के बावजूद दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार को दोबारा जीत हासिल हुई थी और भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।
सत्ता में बैठे लोग ये न समझें कि सत्ता स्थाई है
उन्होंने सख्त शब्दों में सबको काम करने और मेहनत करने की नसीहत देते हुए कहा कि 'मोदी आएंगे-जीत जाएंगे' सिर्फ इस सोच से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग ये न समझे कि सत्ता स्थाई है।
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