नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के बीच इंडिया टीवी को धमाकेदार इंटरव्यू दिया है। एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने बताया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तो वहां पर 2001 आए विनाशकारी भूकंप का कैसे डटकर मुकाबला किया। पीएम मोदी ने बताया कि जब वह पहली बार 7 अक्टूबर 2001 में गुजरात के पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो उनके पास कोई अनुभव नहीं था। मैं न तो विधायक था और न ही सांसद था। मैं कभी पुलिस थाना तक नहीं गया था। मुझे सरकार के बारे में कोई समझ तक नहीं थी। उस समय वहां भूकंप आया था। मैं शपथ लेने के बाद भूकंप ग्रस्त इलाकों में गया।
अधिकारियों ने नियम-कानून बदले
जब मैंने अधिकारियों से मीटिंग ली तो पता चला कि सरकार द्वारा बनाए गए नियम ही जनता के खिलाफ थे। मैंने अधिकारियों से कहा कि आप अपने ब्लॉक के सीएम हो। हमें बताइए वहां सीएम कैसे काम करेगा। इस पर अधिकारियों ने नियम कानून बदले और लोगों के हित के लिए काम किए गए। दिसंबर आते-आते वहां इतना काम हुआ कि हर कोई तारीफ करने लगा। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों के साथ मीटिंग की। जिसमें उन्हें बताया गया कि मार्च-अप्रैल से पहले कुछ नहीं होगा। क्योंकि इसके लिए फंड चाहिए होगा। इस पर हमने फंड वित्त वर्ष में जारी होने वाले फंड के सिस्टम में बदलाव किया।
अधिकारियों को काम करने की पूरी आजादी दी
पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने जिले के अधिकारियों को काम करने की खुली छूट दी। मैंने उनसे कहा कि आप इलाके में जाइए और जनता से बात कर उनकी समस्याएं बताएं। अधिकारियों ने अच्छा काम भी किया। जनवरी में मैंने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस किया जिसमें कई देशों के दूतावास के अधिकारियों को बुलाया गया। सभी ने उनके काम की तारीफ की। दुनिया भर की मीडिया भी मौके पर पहुंची।
कुछ बदलाव करके सिस्टम में सुधार किया जा सकता है
पीएम मोदी ने कहा कि हम पहले अधिकारियों को संबंधित चीज का अनुभव करवाते हैं। मैं उन्हें काम के लिए प्रेरित करता हूं। इसलिए सरकार वही, दफ्तर वही, नियम वही, अधिकारी वही लेकिन कुछ बदलाव करके हमने अच्छे परिणाम लाए।
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