गोरखपुर में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी के घर गए भी गए पीएम मोदी, जानें उनकी मां से क्या कहा?
पीएम नरेंद्र मोदी आज गोरखपुर पहुंचे जहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।इस दौरान वे वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के घर भी गए।
गोरखपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गोरखपुर पहुंचे जहां उन्होंने गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने दो वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई। गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पंकज चौधरी के घर गए। पंकज चौधरी मोदी सरकार में वित्त राज्यमंत्री हैं। पंकज चौधरी महराजगंज से छह बार के सांसद है और बड़े कुर्मी नेता माने जाते हैं।
'मैं आ गया आपके पास'
पंकज चौधरी के करीबियों का कहना है कि पिछले महीने पंकज चौधरी के नाती की बरही थी (बच्चे के बारह दिन का होने का कार्यक्रम) जिसमें पंकज चौधरी ने प्रधानमंत्री और कई मंत्रियों को आमंत्रित किया था। कई कैबिनेट मंत्री कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे लेकिन प्रधानमंत्री व्यस्तता की वजह से नहीं आ पाए। आज प्रधानमंत्री मोदी गोरखपुर में थे तो वो पंकज चौधरी के घर पहुंचे। पीएम मोदी ने पंकज चौधरी की मां उज्ज्वला चौधरी से कहा कि आप मुझसे मिलने दिल्ली आना चाहती थीं इसलिए मैं आ गया आपके पास।
पंकज चौधरी के घर जाने के लिए पीएम को कुछ दूर पैदल भी चलना पड़ा। पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी भी थे। यूपी में करीब पांच फीसदी कुर्मी वोट है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश की बात करें तो वहां कुर्मी वोट करीब 15 फीसदी है।
गीता प्रेस के समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी
इससे पहले पीएम मोदी गीता प्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए। गीता प्रेस को भारत की एकजुटता को सशक्त करने वाला तथा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिनिधित्व करने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गीता प्रेस विश्व का ऐसा एकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ एक संस्था नहीं बल्कि एक जीवंत आस्था है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार का उनका गोरखपुर का दौरा ‘‘विकास भी-विरासत भी’’ की नीति का अद्भुत उदाहरण है।
उन्होंने कहा, ‘‘गीता प्रेस अलग-अलग भाषाओं में भारत के मूल चिंतन को जन-जन तक पहुंचाती है। गीता प्रेस एक तरह से 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना का प्रतिनिधित्व करती है।’’ उन्होंने कहा,''गीता प्रेस विश्व का ऐसा इकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ एक संस्था नहीं है बल्कि, एक जीवंत आस्था है। गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी भी मंदिर से जरा भी कम नहीं है।’’ (इनपुट-भाषा)