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जीतन राम मांझी को केंद्रीय मंत्री बनाने पर भड़की AAP, बोली- राम को काल्पनिक कहा था

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा HAM (सेक्युलर) के संस्थापक और गया से लोकसभा सांसद जीतन राम मांझी ने मंत्री पद की शपथ ली है। हालांकि, मांझी को मंत्री बनाने पर AAP ने आपत्ति जाहिर की है।

जीतन राम मांझी को मंत्री पद पर विवाद। - India TV Hindi Image Source : ANI जीतन राम मांझी को मंत्री पद पर विवाद।

लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को मिली जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पीएम पद की शपथ दिलाई। पीएम मोदी के साथ ही 72 नेताओं ने मंत्री पद की भी शपथ ली है जिसमें एनडीए के सहयोगी दलों के कई नेता भी शामिल हैं। हालांकि, जीतन राम मांझी को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करने के कारण आम आदमी पार्टी भाजपा पर भड़क गई है। AAP ने जीतन राम मांझी पर श्री राम के अपमान का आरोप लगाया है। आइए जानते हैं पूरा मामला। 

ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है- AAP

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा HAM (सेक्युलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करने पर विवाद शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। एक ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कैबिनेट में मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई है जो कहते थे कि 'राम काल्पनिक है'... जब प्रधानमंत्री, भाजपा कार्यालय में आए तो सभी कार्यकर्ता कह रहे थे कि 'मोदी जी को जय श्री राम' और पीएम मोदी ने जवाब दिया, 'जय जगन्नाथ'। तभी से हमें लगने लगा था कि भाजपा राम को छोड़ना चाह रही है।

करीब 80 साल की उम्र में मंत्री बने मांझी

जीतन राम मांझी करीब 80 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने में कामयाब रहे। मांझी का उदय किसी असाधारण घटना से कम नहीं है। वर्ष 2014 और 2019 में दोनों बार उन्होंने गया लोकसभा सीट से शिकस्त खाई, लेकिन इस बार उन्होंने जीत दर्ज करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मंत्रि़परिषद में कैबिनेट मंत्री का पद सुरक्षित किया। 

पूर्व सीएम हैं मांझी

2014 के लोकसभा चुनाव में जद (यू) के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद दलित समुदाय से आने वाले मांझी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। फरवरी 2015 के राजनीतिक संकट के बाद मांझी को जद (यू) से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) बनाने की घोषणा की और भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल हो गए।

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