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Hindi News भारत राजनीति PFI Banned : पीएफआई पर बैन को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का रिएक्शन, जानें क्या कहा

PFI Banned : पीएफआई पर बैन को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का रिएक्शन, जानें क्या कहा

PFI Banned : ओवैसी ने अपने ट्वीट में कहा-PFI प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है। अपराध करने वाले कुछ लोगों के कामों का मतलब यह नहीं है कि संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाए।

AIMIM Chief Asaduddin Owaisi- India TV Hindi Image Source : PTI AIMIM Chief Asaduddin Owaisi

Highlights

  • हम पीएफआई की सोच का समर्थन नहीं करते, लेकिन बैन लगाना गलत-ओवैसी
  • कुछ लोगों के अपराध करने से पूरे संगठन को प्रतिबंधित करना गलत-ओवैसी

PFI Banned : पीएफआई पर बैन को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का पहला रिएक्शन सामने आ गया है। ओवैसी ने कहा कि वे पीएफआई की इस सोच का समर्थन नहीं करते लेकिन पीएफआई को बैन करना गलत है। ओवैसी ने अपने ट्वीट में कहा-PFI प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है। अपराध करने वाले कुछ लोगों के कामों का मतलब यह नहीं है कि संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाए। 

बता दें कि देशभर में पीएफआई से संबद्ध ठिकानों पर छापेमारी और करीब 100 से अधिक लोगों को उसकी कई गतिविधियों के लिए गिरफ्तार करने और कई दर्जन संपत्तियों को जब्त करने के कुछ दिन बाद केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार देर रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी संबंध हैं। जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं। 

अधिसूचना में कहा गया कि पीएफआई के ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों के भी कई मामले सामने आए हैं। अधिसूचना में दावा किया गया कि पीएफआई और उसके सहयोगी या मोर्चे देश में असुरक्षा की भावना फैलाने के लिए एक समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं। 

अधिसूचना में कहा गया, ‘‘उक्त कारणों के चलते केंद्र सरकार का दृढ़ता से यह मानना है कि पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है। उक्त अधिनियम की धारा-3 की उपधारा (3) में दिए गए अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इसे गैर-कानूनी घोषित किया जाता है।

इनपुट-भाषा

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