BJP में होगा इस 'सेक्युलर' पार्टी का विलय? खुद अध्यक्ष ने ही दे दिया बड़ा बयान
केरल विधानसभा में 30 साल से भी ज्यादा समय तक पूंजर सीट से विधायक रहे जॉर्ज ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही वह बीजेपी में अपनी पार्टी का विलय कर देंगे।
कोट्टायम: भारतीय जनता पार्टी में जल्द ही एक ‘सेक्युलर’ दल का विलय हो सकता है। दरअसल, केरल के पूर्व विधायक पी. सी. जॉर्ज ने मंगलवार को संकेत दिया कि उनके नेतृत्व वाली केरल जनपक्षम (सेक्युलर) पार्टी का BJP में विलय होने की संभावना है। जॉर्ज ने केरल में मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की ‘सामान्य भावनाएं’ BJP में शामिल होने के पक्ष में हैं और इस संबंध में निर्णय लोकसभा चुनाव से पहले किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई फैसला होता है तो यह विलय नहीं होगा ‘क्योंकि हमारी पार्टी बहुत छोटी है और यह नदी में मिलने वाली एक छोटी धारा की तरह होगी।’
30 साल से भी ज्यादा समय तक MLA रहे हैं जॉर्ज
केरल विधानसभा में 30 साल से भी ज्यादा समय तक पूंजर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले जॉर्ज ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत को इतना कुशल प्रधानमंत्री कभी नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच यही राय है कि पीएम मोदी का समर्थन किया जाए। यह पूछे जाने पर कि अगर वह BJP में शामिल होते हैं तो क्या वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा,‘अगर BJP मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहेगी तो मैं लड़ूंगा, अगर नहीं तो मैं नहीं लड़ूंगा।’
1982 में जीता था पहला विधानसभा चुनाव
कोट्टायम जिले के पूंजर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले 7 बार के पूर्व विधायक जॉर्ज ने 1982 से 1987 और 1996 से 2022 तक कुल 33 वर्षों तक केरल विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया। 2016 के विधानसभा चुनावों के बाद अपनी खुद की पार्टी केरल जनपक्षम (सेक्युलर) बनाने से पहले वह केरल कांग्रेस, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि) और केरल कांग्रेस (सेक्युलर) जैसे विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े थे।
केरल विधानसभा के चीफ व्हिप भी रहे
अपने सियासी करियर के दौरान जॉर्ज यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) सरकार के सत्ता में रहने पर 2011 से 2015 तक केरल विधानसभा के चीफ व्हिप जैसे पदों पर रहे। बाद में उन्होंने 2017 में अपनी पार्टी की स्थापना की। जॉर्ज 2021 के विधानसभा चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबले में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के उम्मीदवार से अपने गढ़ पूंजर क्षेत्र में चुनाव हार गए थे।