प्लेन से उतारकर गिरफ्तारी से सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत तक, जानें पवन खेड़ा मामले में आज क्या-क्या हुआ
कांग्रेस के नेताओं ने अपने फोन से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला और कहा कि अगर एक बयान के कारण पवन खेड़ा को गिरफ्तार किया जा सकता है तो इस तरह के मामलों में प्रधानमंत्री को भी गिरफ्तार करना चाहिए।
नई दिल्ली: कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को लेकर गुरुवार को दिन भर जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, कांग्रेस के तमाम नेता दिल्ली एयरपोर्ट पर प्लेन में बैठकर पार्टी अधिवेशन में शामिल होने के लिए रायपुर जा रहे थे। उसी वक्त पवन खेड़ा को प्लेन से उतार कर गिरफ्तार कर लिया गया और इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के मामले में असम के हाफलॉग थाने में FIR दर्ज हुई है, इसलिए असम पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
कांग्रेस नेताओं ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला
जैसे ही कांग्रेस के नेताओं को सारा माजरा समझ आया तो प्लेन में सवार सभी नेता बाहर आ गए और प्लेन के सामने धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने मोदी सरकार पर तानाशाही का इल्जाम लगाया और ऐलान कर दिया कि जब तक पवन खेड़ा को रिहा नहीं किया जाएगा, वे धरने पर बैठे रहेंगे। कांग्रेस के नेताओं ने अपने फोन से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला और कहा कि अगर एक बयान के कारण पवन खेड़ा को गिरफ्तार किया जा सकता है तो इस तरह के मामलों में प्रधानमंत्री को भी गिरफ्तार करना चाहिए क्योंकि विरोधी दलों के बारे में अपमानजनक बातें तो प्रधानमंत्री भी कहते हैं।
प्लेन में सवार अन्य यात्रियों को दूसरी फ्लाइट से भेजा गया
कुछ देर के हंगामे के बाद पुलिस पवन खेड़ा को लेकर बाहर निकल गई और इस दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला भी उनके साथ रहे। चूंकि प्लेन में कांग्रेस के नेताओं के अलावा दूसरे लोग भी सफर करने वाले थे, इसलिए उनके प्रदर्शन के कारण फ्लाइट टेकऑफ नहीं कर पाई और उसे कैंसिल कर दिया गया। फ्लाइट में सवार दूसरे यात्रियों के लिए अलग फ्लाइट का इंतजाम किया गया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि चूंकि असम में मामला दर्ज है इसलिए असम पुलिस की रिक्वेस्ट पर पवन खेड़ा को हिरासत में लेकर उसके हवाले कर दिया गया है।
‘प्रधानमंत्री के पिता के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल ठीक नहीं’
असम पुलिस ने पवन खेड़ा का मेडिकल करवाया और फिर ट्रांजिट रिमांड के लिए अदालत में पेश किया, लेकिन इस बीच कांग्रेस के नेता और सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में पवन खेड़ा की गिरफ्तारी का मसला उठा दिया और तुरंत अर्जेंट हियरिंग की अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील को मान लिया और तुरंत सुनवाई की। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वो ये मानते हैं कि पवन खेड़ा का बयान सही नहीं था और प्रधानमंत्री के पिता के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल ठीक नहीं है।
‘पवन खेड़ा ने जानबूझकर अपमानजनक बात कही’
सिंघवी ने कहा कि पवन खेड़ा ने अपनी गलती मानी है, यह स्लिप ऑफ टंग था और उन्होंने तुरंत ‘सॉरी’ कहा था, लेकिन उनके खिलाफ कई शहरों में केस दर्ज करवा दिए गए। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज मामले रद्द न हों, लेकिन सारे मामलों को क्लब कर दिया जाए। लेकिन असम सरकार की तरफ से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पवन खेड़ा ने जानबूझकर अपमानजनक बात कही, उसके बाद वह हंसते रहे। उन्होंने कहा कि इसलिए यह ‘स्लिप ऑफ टंग’ नहीं था बल्कि जानबूझकर की गई गलती थी और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
‘किसके बारे में क्या कह रहे हैं, इसका भी ध्यान रखना चाहिए’
सुनवाई के दौरान पवन खेड़ा की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो भी अदालत के सामने रखा गया। इसके बाद कोर्ट ने पवन खेड़ा को मंगलवार तक के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा दे दी और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके बनारस और लखनऊ में पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज मामलों के बारे में जबाव देने को कहा। हालांकि इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने आपको प्रोटेक्शन दिया है, लेकिन बातचीत का कुछ स्तर होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि किसके बारे में क्या कह रहे हैं, इसका भी ध्यान रखना चाहिए।
‘मामला अभी अदालत में है इसलिए कुछ नहीं बोलूंगा’
चूंकि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई इसलिए पवन खेड़ा को निचली अदालत ने भी बेल दे दी। पुलिस की गिरफ्त से बाहर आने के बाद पवन खेड़ा ने कहा कि वह न्यायपालिका को सलाम करते हैं और आभारी हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी स्वतंत्रता को बरकरार रखा। लेकिन जब उनसे उनके बयान के बारे में पूछा गया तो पवन खेड़ा ने कहा कि मामला अदालत में है इसलिए वह कुछ नहीं बोलेंगे। खेड़ा ने कहा कि उन्होंने हमेशा कानून का सम्मान किया है।
‘लोकतंत्र को मोदी सरकार ने हिटलरशाही बना दिया’
कांग्रेस ने खेड़ा के खिलाफ कार्रवाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'प्रतिशोध, उत्पीड़न और धमकी' की राजनीति का नया उदाहरण और तानाशाही करार दिया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने खेड़ा को राहत मिलने पर कहा, ‘टाइगर जिंदा है, सुप्रीम कोर्ट जिंदा है।’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘विपक्ष संसद में मुद्दे उठाए तो नोटिस दिया जाता है। महाधिवेशन के पहले छतीसगढ़ के हमारे नेताओं पर ईडी का रेड कराया जाता है।आज मीडिया विभाग प्रमुख को जहाज़ से ज़बरदस्ती उतारकर गिरफ़्तार किया गया। भारत के लोकतंत्र को मोदी सरकार ने हिटलरशाही बना दिया। हम इस तानाशाही की घोर निंदा करते हैं।’
‘अगर पवन खेड़ा ने गलती नहीं की है, तो डर क्यों रहे हैं’
पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर बहुत हंगामा हुआ, लेकिन बीजेपी का कोई बड़ा नेता इन मामले में कुछ नहीं बोला। इस मामले में सिर्फ बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया का बयान आया। गौरव भाटिया ने कहा कि अगर पवन खेड़ा ने गलती नहीं की है, तो डर क्यों रहे हैं। उन्होंने कहा कि पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के नेताओं ने जिस तरह प्लेन के सामने बैठकर धरना दिया वो गलत था, क्योंकि इससे सैकड़ों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि वे कानून से ऊपर हैं।