नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव नजदीक आ चुके हैं। चुनाव आयोग शनिवार को चुनावी कार्यक्रम का ऐलान कर सकता है। इससे पहले सभी दल अपने किले मजबूत करने में लग गए हैं। गठबंधन के साथियों की मान-मुन्न्वल शुरू हो गई है। लेकिन इस दौरान एक साथी मान रहा है तो दूसरा नाराज हो जाता है। अभी यह माहौल बिहार में एनडीए के साथ दिखाई दे रहा है। यहां एनडीए में नीतीश कुमार के आने से माहौल पूरी तरह से बदल चुका है।
मैं एनडीए का बहुत छोटा सा हिस्सा- पशुपति पारस
यहां बीजेपी ने पहले चिराग पासवान को मनाया तो अब उनके चाचा पशुपति कुमार पारस नाराज हो गए हैं। उन्होंने आज शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में एनडीए को बगावती तेवर दिखाए हैं। पशुपति पारस ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत सम्मान करता हूं। मैं एनडीए का बहुत छोटा सा हिस्सा हूं और साल 2014 से हम बहुत ईमानदारी से साथ देते आ रहे हैं। लेकिन हमारे साथ न्याय नहीं हुआ है।"
'हमारे साथ न्याय नहीं हुआ'
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में हमें कोई सीट नहीं दी गई है। हम मांग करते हैं कि बीजेपी अपनी लिस्ट पर दोबारा विचार करे। अगर ऐसा नहीं होता है तो हमारे सामने विकल्प खुला है। पशुपति पारस ने कहा कि हम बीजेपी और अपने साथी दलों की लिस्ट जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन मैं एक बार फिर कहूंगा कि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ है।
'मैं बीजेपी की आधिकारिक लिस्ट का इंतजार कर रहा'
इसके साथ ही एलजेपी के मुखिया और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि हमारी पार्टी दलितों की पार्टी है। मैं बीजेपी की आधिकारिक लिस्ट का इंतजार कर रहा हूं और इसके बाद ही कोई फैसला लूंगा। लेकिन इतना तय है कि मैं हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव अवश्य लडूंगा। उन्होंने कहा कि मेरे साथ मेरी पार्टी के तीन सांसद बैठे हैं और यह भी अपनी सीटों से चुनाव लड़ेंगे।
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