संसद में स्मोक कलर अटैक के मास्टरमाइंड को लेकर बड़ा खुलासा, पूछताछ में आरोपियों ने उगले कई राज
लोकसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से कूदे शख्स को लेकर नया घुसा हुआ है। जांच एजेंसियों ने इसके पीछे ललित झा नामक एक आरोपी को मास्टरमाइंड बताया है।
नई दिल्ली: संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाकर लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में कूदने वाले और बाहर स्मोक कलर अटैक का मास्टरमाइंड ललित झा निकला है। सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक की जांच में ललित झा के मास्टरमाइंड होने का शक जाहिर किया है। घटना के पीछे बड़ी साजिश नजर आ रहा है। ललित झा के पकड़े जाने के बाद इसकी साजिश के बारे में ज्यादा खुलासा हो सकेगा।
ललित के कहने पर 13 दिसंबर की तारीख तय हुई
जांच एजेंसियों की पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि ललित झा के कहने पर स्मोक कलर अटैक के लिए 13 दिसंबर की तारीख तय हुई थी। ललित झा ने सभी आरोपियों को गुरुग्राम में मीटिंग के लिए बुलाया था। ललित झा ने ही कलर अटैक का वीडियो मोबाइल में शूट कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया।
चारों आरोपियों के फोन ललित के पास
इंडिया टीवी को सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए चारों आरोपियों का एक ही सूत्रधार ललित झा निकला। जिससे सभी आरोपी संपर्क में थे। घटना को अंजाम देने से पहले ललित ने ही चारों आरोपियों के फोन अपने कब्जे में लिये और फरार हो गया।
पुलिस का शक है कि मोबाइल में साजिश से जुड़े कई सबूत हो सकते हैं, जिन्हें ललित झा मिटाने की कोशिश कर सकता है।
ललित झा की गिरफ्तारी की कोशिश जारी
घटना के बाद से ललित झा फरार है। ललित की लास्ट लोकेशन नीमराना के पास आई थी, उसकी तलाश में कई टीम लगातार रेड कर रही हैं। ललित झा से जुड़ी वेस्ट बंगाल की NGO की भी पड़ताल शुरू कर दी गई है। फंडिंग की भी जांच की जाएगी। इसी NGO में ललित झा जनरल सेक्रेटरी है।
संसद में हंगामा
लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने संसद सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को सरकार से जवाब की मांग करते हुए भारी हंगामा किया। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने ‘गृहमंत्री इस्तीफा दो’ के नारे लगाते हुए जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से हंगामा न करने का अनुरोध करते हुए कहा कि संसद परिसर की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय की जिम्मेदारी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद की सुरक्षा सरकार का नहीं, बल्कि हमारा अधिकार क्षेत्र है।