मुंबई: भारतीय जनता पार्टी की नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुकीं पंकजा मुंडे ने दावा किया है कि मराठी होने की वजह से मुंबई में उन्हें भी घर नहीं मिला था। मुंडे ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द साझा करते हुए दावा किया है कि सरकारी घर छोड़ने के बाद जब वह मुंबई में घर तलाश रही थीं तब उन्हें भी इसी तरह भेदभाव का सामना करना पड़ा था। बीजेपी नेता ने कहा कि मराठी होने की वजह से कई जगहों पर उन्हें घर नहीं मिला। बता दें कि हाल ही में खबर आई थी कि एक महिला को मराठी होने की वजह से किराए पर घर देने से इनकार कर दिया गया था।
‘मुझे भी घर देने से मना कर दिया गया था’
पंकजा मुंडे ने इंस्टाग्राम पर कहा, ‘सोशल मीडिया पर एक मराठी महिला को मैंने सुना कि उसे घर नहीं मिल रहा है। उस महिला को रोते देखते हुए मुझे बहुत पीड़ा हुई क्योंकि यही अनुभव मुझे भी आया था जब मैं अपना सरकारी घर छोड़ा था। तब कई जगहों पर मैंने घर तलाशा लेकिन मुझे घर नहीं दिया गया। कहा गया कि हम मराठी लोगों को घर नहीं देते हैं। मुंबई जैसे शहर में सभी भाषाओं के लोग रहते हैं, यही मुंबई का सौंदर्य है। लेकिन किसी को घर न मिलाना, मेरे जैसे व्यक्ति के साथ इस तरह का व्यवहार होना या बेहद दुखद है। देश के किसी भी राज्य में दूसरे राज्य के लोगों को, दूसरी जाति के लोगों को घर देने में आखिर परमिशन क्यों चाहिए?’
‘हम महाराष्ट्र में नहीं तो क्या गुजरात में रहेंगे’ बता दें कि तृप्ति देवरुखकर नाम की एक मराठी महिला अपने पति के साथ एक सोसाइटी में घर देखने गई थी। उन्हें मूलुंड स्थित शिवसदन नाम की इमारत में घर किराए पर लेना था, लेकिन सोसाइटी के सेक्रेटरी ने उनसे कहा कि यहां मराठी लोगों को घर नहीं दिया जाता। महिला के मुताबिक, बुजुर्ग द्वारा ऐसी बात कहने पर वह वहां से निकलने लगी लेकिन वह शख्स पीछे से आकर उनपर चिल्लाने लगा और गालियां देने लगा। महिला ने बताया कि ये सब होने की वजह से मैंने अपना मोबाइल निकालकर वीडियो बनाना शुरू किया। महिला ने रोते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मराठी लोगों को जगह नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र में नहीं तो क्या गुजरात में रहेंगे।
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