पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ चल रहे विवाद के बीच चीन ने नया दावा किया है। चीन का दावा है कि उसके सैनिकों (PLA) ने एलएसी के हॉट स्प्रिंग एरिया को खाली कर दिया है। चीन दावा कर रहा है कि लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स में भारत के साथ सब कुछ पहले ही सुलझा लिया गया है। इस मुद्दे पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि चीन दावा कर रहा है कि लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स में भारत के साथ सब कुछ पहले ही सुलझा लिया गया है। क्या सरकार पुष्टि करेगी कि क्या यह सच है? यदि हां, तो अंतिम दो दौर की सीमा वार्ता किस बारे में थी?
ओवैसी ने अपने ट्वीट में कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से लद्दाख सीमा पर स्थिति के बारे में बार-बार सवाल उठा रहा हूं जहां हमारे सैनिकों को उन क्षेत्रों तक पहुंच से वंचित किया जा रहा है जहां उन्होंने पहले गश्त की थी। लेकिन सरकार ने अब तक सच बोलने से इनकार कर दिया है। यहां तक कि संसद में भी चुप्पी साध रखी है। ओवैसी ने कहा कि हमारी क्षेत्रीय अखंडता सहित राष्ट्रीय सुरक्षा के संवेदनशील मुद्दों पर सरकार का रवैया और दृष्टिकोण अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि लद्दाख सीमा संकट और चीन से निपटने की हमारी रणनीति पर संसद में उचित बहस होनी चाहिए।
ओवैसी ने सवाल उठाया कि देश और इस देश का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों को सरकार विश्वास में क्यों नहीं ले रही है? यह हमारे हितों की हानि के लिए है जो एक ऐसे देश द्वारा सुरक्षित हैं जो अपने रुख में एकजुट है।
ओवैसी ने चीन के इस मसले को उठाने के साथ ही केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि सरकार बाहरी विरोधियों से निपटने की बजाय इस सरकार ने देश को विभिन्न पंक्तियों में विभाजित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है। इस कारण बाहरी विरोधियों से निपटने में हमारी ताकत कमजोर हुई है।
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