ओवैसी के 'जय फिलिस्तीन' वाले नारे से मचा है बवाल, राष्ट्रपति तक पहुंची बात, खत्म हो जाएगी सदस्यता?
संसद में मंगलवार को सांसद पद की शपथ लेते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जय फिलिस्तीन का नारा लगाया जिसे लेकर विवाद बढ़ गया है। अब उनकी सदस्यता खत्म करने की मांग की जा रही है।
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संसद में मंगलवार को सांसद पद की शपथ लेते समय एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जय फिलिस्तीन का नारा लगाया, जिसके बाद सियासी बवाल मचा है। उनकी सदस्यता खत्म करने की मांग की गई है और इसे लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी गई है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी है और मांग की है कि ओवैसी की सदस्यता खत्म कर दें। वहीं, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने कहा, ''...संवैधानिक प्रक्रिया के मुताबिक, एक सांसद उतना ही पढ़ेगा, जितना उसे कहा जाएगा...हमने इसका विरोध किया है। अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि केवल शपथ की अवधि को ही रिकॉर्ड में लिया जाएगा, उसके पहले और बाद में कुछ नहीं... अपने देश की संसद में दूसरे देश की तारीफ करना आपकी मानसिकता के बारे में भी बहुत कुछ बताता है।"
ओवैसी ने दी सफाई, जानिए क्या कहा
बता दें कि इस सियासी बवाल के बीच असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ ग्रहण के बाद संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए अपनी टिप्पणी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि, "अन्य सदस्य भी अलग-अलग बातें कह रहे हैं। मैंने कहा 'जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन'। यह कैसे गलत है? मुझे संविधान में इसे लेकर कोई प्रावधान हो तो बताएं। आपको यह भी सुनना चाहिए कि दूसरों ने क्या कहा. मुझे जो कहना था मैंने कहा। आप यह भी देखें कि महात्मा गांधी ने फिलिस्तीन के बारे में क्या कहा था।''
जब ओवैसी से फ़िलिस्तीन का ज़िक्र करने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने बताया, "वे उत्पीड़ित लोग हैं।" बता दें कि ओवैसी ने उर्दू में शपथ ली थई और उन्होंने फिलिस्तीन के संघर्ष प्रभावित क्षेत्र के साथ एकजुटता व्यक्त की और साथ ही अपने राज्य, तेलंगाना की प्रशंसा की और मुसलमानों के लिए एआईएमआईएम का नारा बुलंद किया। उनके नारे पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसके बाद सभापति ने इसे आधिकारिक रिकॉर्ड से हटा दिया।
ओवैसी पर कार्रवाई की मांग
उस समय पीठासीन अधिकारी, भाजपा नेता राधा मोहन सिंह ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि औपचारिक शपथ से परे कोई भी बयान दर्ज नहीं किया जाएगा। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने भी पुष्टि की कि आधिकारिक तौर पर केवल शपथ या प्रतिज्ञान पर ध्यान दिया जा रहा है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने गृह मंत्री के कार्यालय को पत्र लिखकर उनके भाषण पर आपत्ति जताई है और मामले में कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने प्रोटेम स्पीकर से औवेसी को एक बार फिर शपथ लेने के लिए कहने का भी अनुरोध किया।
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