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बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक टली, जानें अब कब होगी अगली मीटिंग

बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक का आयोजन 23 जून को किया गया था। इस मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया कि विपक्षी दलों की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में किया जाएगा।

Opposition party meeting held in Bengaluru postponed what is the reason behind it- India TV Hindi Image Source : PTI विपक्षी दलों की बेंगलुरू में होने वाली मीटिंग टली

बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक का आयोजन 23 जून को किया गया था। इस मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया कि विपक्षी दलों की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में किया जाएगा। लेकिन अब इस मीटिंग को टाल दिया गया है। संसद सत्र के कारण 13-14 जुलाई को होने वाली इस मीटिंग को टाल दिया गया है। साथ ही इसे टालने के पीछे कारण बताया जा रहा है कि कर्नाटक और बिहार में विधानसभा सत्र चल रहा है। इस कारण कई विपक्षी दलों के कई नेताओं का इस मीटिंग में आ पाना मुश्किल हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने कहा कि विपक्षी दलों की मीटिंग का आयोजन बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई किया जाएगा। 

मल्लिकार्जुन खरगे आज शाम करेंगे मीटिंग

एनसीपी में आई टूट के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे दिल्ली में पार्टी के सीनियर लीडर्स के साथ बैठक करने वाले हैं। इसके लिए वे आज शामिल दिल्ली पहुंचेंगे। इस मीटिंग में महाराष्ट्र के नेए नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी चर्चा होगी। विपक्षी दलों को एकसाथ रखने की चुनौती के साथ ही महाराष्ट्र में कांग्रेस को अपने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती है।

विपक्षी दलों की अगली मीटिंग टली

बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में बीते दिनों विपक्ष की मीटिंग का आयोजन किया गया था। इस मीटिंग में करीब 15 विपक्षी दलों के नेता भाग लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान शरद पवार से लेकर ममता बनर्जी व राहुल गांधी तक ने भाजपा को हराने को लेकर हुंकार भरी थी। इस बीच महाराष्ट्र की राजनीति में हुए उठा-पटक ने सियासी गणित बदल दी है। एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट का साथ पकड़ लिया है। ऐसे में अब महाराष्ट्र में अब अजीत पवार बतौर डिप्टी सीएम काम करेंगे।

विपक्षी एकता में आ रही खटास

अजित पवार के इस्तीफे के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे विपक्ष की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा। दरअसल शरद पवार को लेकर कहा जा रहा है कि पार्टी को संभाल पाने में वे असफल हो गए हैं। अजित पवार के जरिए भाजपा ने शरद पवार को हराया है। वहीं अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के बीच केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर पनपा बवाल जारी है। साथ ही तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी के बीच का विवाद भी चल रहा है। दरअसल पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और कम्युनिष्ट पार्टी ने गठबंधन किया है। 

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