संसद का विशेष सत्र पर बुलाने पर भड़के विपक्षी दल, राहुल गांधी से लेकर अधीर रंजन तक, जानें किसने क्या कहा
विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि सरकार ने साफ नहीं किया है कि ये सत्र किस लिए बुलाया गया है। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि इंडिया की बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी।
केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को संसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा के बाद विपक्षी दलों की ओर से विरोध शुरू हो गया है। विभिन्न दलों की ओर से सरकार के इस कदम का विरोध किया जा रहा है।आम आदमी पार्टी के सांसद और नेता संजय सिंह ने कहा कि सरकार डरी हुई है इसलिए इस तरह के फ़ैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि मुंबई में जारी इंडिया की बैठक में इस मुद्दें पर चर्चा की जाएगी।
राहुल गांधी ने दिया रिएक्शन
संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा- "मुझे लगता है कि शायद यह थोड़ी घबराहट का सूचक है। उसी तरह की घबराहट जैसी घबराहट तब हुई थी जब मैंने संसद भवन में भाषण दिया था, घबराहट की वजह से अचानक उन्हें मेरी संसद सदस्यता रद्द करनी पड़ी। इसलिए मुझे लगता है कि यह घबराहट की बात है क्योंकि ये मामले प्रधानमंत्री के बहुत करीब हैं। जब भी आप अडानी का मामला छेड़ते हैं तो प्रधानमंत्री बहुत असहज और घबरा जाते हैं।"
प्रियंका चतुर्वेदी भड़कीं
शिवसेना उद्धव गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार ने पार्लियामेंट का विशेष सत्र बुलाया उसका हम विरोध करेंगे। हम वन नेशन वन चुनाव का विरोध करेंगे। सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है, महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के दौरान सरकार में विशेष सत्र बुलाया उसका भी हम विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रह्लाद जोशी ने चोरी-चोरी, चुपके-चुपके यह निर्णय लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने पूछा कि यह हिंदू विरोधी काम क्यों हो रहा है? यह फैसला किस आधार पर लिया गया है?
अधीर रंजन भी बोले
संसद के विशेष सत्र पर मचे हंगामे पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का भी बयान सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि विशेष सत्र को लेकर हमें कोई जानकारी नहीं मिली। हमें ट्वीट के माध्यम से सत्र के बारे में पता चला, हमें किसी भी तरह का नोटिस, पत्र या फोन करके इसकी जानकारी नहीं दी गई।
दीपेंद्र ने भी उठाए सवाल
विशेष सत्र पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र एस हुड्डा ने कहा कि पहले लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति के माध्यम से सदस्यों को सूचनाएं मिलती थीं, अब प्रह्लाद जोशी के ट्वीट से पता चलता है। अब जब मानसून सत्र समाप्त हो गया है, तो सितंबर में इस सत्र की क्या वजह या तात्कालिकता है? सरकार बताए कि इस अर्जेंट सत्र की वजह क्या है।
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