महाराष्ट्र में अकोला पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव पर 26 अप्रैल को उपचुनाव होने वाला था लेकिन अब उपचुनाव पर रोक लगा दी है। दरअसल चुनाव आयोग ने उपचुनाव इस सीट पर होने वाले उपचुनाव पर इसलिए रोक लगाने का फैसला किया है क्योंकि इस सीट पर जीत दर्ज करने वाले नए सदस्य को एक साल से भी कम का समय मिलेगा। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि इस सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता है।
बता दें कि इस विधानसभा सीट के लिए चुनाव की नामांकन प्रक्रिया को लेकर गजट नोटिफिकेशन गुरुवार को ही जारी किए गए थे और यहां उपचुनाव 26 अप्रैल को कराया जाना था और चार जून को चुनाव का रिजल्ट घोषित होना था। अब निर्वाचन आयोग का कहना है कि हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के निर्देश का पालन करते हुए अकोला पश्चिम सीट पर उपचुनाव के नोटिफिकेशन को रद्द किया जा रहा है।
हाई कोर्ट ने लगाई रोक
जस्टिस अनिल किल्लोर और जस्टिस एम एस जवालकर की पीठ ने मंगलवार को ही कहा था कि अकोला पश्चिम विधानसभा सीट पर कोई उपचुनाव नहीं कराया जाएग। कोर्ट ने कहा था कि यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 (ए) का उल्लंघन है। बता दें कि अकोला पश्चिम विधानसभा सीट निवर्तमान विधायक गोवर्धन शर्मा के निधन के कारण खाली हो गई थी। वह बीजेपी के नेता थे और उनका तीन नवंबर 2023 को निधन हो गया ता। कोर्ट का कहना है कि उनके निधन से खाली हो गई इस सीट पर उपचुनाव इसलिए नहीं कराए जाएंगे क्योंकि जो भी इस सीट पर जीत दर्ज करेगा उसे एक साल से भी कम वक्त मिलेगा।
कोर्ट में दी गई थी अर्जी
कोर्ट ने यह निर्देश एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दी, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा था कि महाराष्ट्र में कुछ समय बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में उपचुनाव कराना पैसे की बर्बादी है। इसके साथ याचिकाकर्ता ने यह भी कहा था कि चार जून को नतीजे आने के बाद विधायक को काम करने के लिए केवल चार महीने का समय मिलेगा।
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