Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर संसद भवन में सर्वदलीय बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर की स्थिति का जायजा लेने के लिए अमित शाह ने ये बैठक बुलाई। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा और सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास सहित अन्य नेता मौजूद रहे। एनसीपी नेता शरद पवार और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस मीटिंग में नहीं आए। शरद पवार ने अपने प्रतिनिधि को इस मीटिंग में भेजा।
सर्वदलीय बैठक पर क्या बोले विपक्षी नेता
इस बैठक को लेकर मणिपुर की स्थिति पर राजद सांसद मनोज झा ने बात की। उन्होंने कहा कि यह एक खुली चर्चा थी। पूरा विपक्ष यहां तक कह गया कि मणिपुर के प्रशासन का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति भरोसेमंद नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक वह सत्ता में हैं मणिपुर में शांति नहीं हो सकती है। वहीं इस बैठक पर डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि हमने पिछले 50 दिनों से अधिक समय से मणिपुर में चल रही घटनाओं के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की। गृह मंत्री ने हम सभी की बात सुनी। गृहमंत्री ने कहा कि वह इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और मुझपर भरोसा करें। मैं शांति बहाल करूंगा।
मणिपुर विस्फोट की जांच करेगी एनआईए
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले पर पीएम ने अपनी चिंता व्यक्त नहीं की है। हमने अनुरोध किया कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर भेजा जाए। हमने यही सुझाव दिया है कि राज्य में और पुलिस बल की तैनाती की जाए। यह पुलिस और सेना या असम राइफल्स द्वारा नियंत्रित की जाने वाली कानून और व्यवस्था का उल्लंघन नहीं है। यह राज्य और केंद्र सरकार में शासन की विफलता है। बता दें कि मणिपुर हिंसा मामले में मणिपुर में विस्फोट मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए को दे दी गई है।
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