केंद्र में नई सरकार के गठन से पहले संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गठबंधन कैसे सफल हुआ है और सरकार कैसे काम करेगी, इसको लेकर इशारों में सबकुछ समझा दिया। नरेंद्र मोदी ने बैठक में कहा कि पहले NDA, आज भी NDA और कल भी NDA। न हम हारे थे और न हारे हैं। ये एनडीए की महाविजय है। आपने देखा कि दो दिन से क्या चला, वो तो हार चुके हैं, वो तो गए, क्योंकि उनको अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा करना था।
हम विजय को पचाना जानते हैं- मोदी
मोदी ने अपने संबोधन में साफ कर दिया कि गठबंधन के इतिहास में अगर आंकड़ों के हिसाब से देखें तो ये सबसे मजबूत गठबंधन की सरकार है, लेकिन विपक्ष की तरफ से ये कोशिश की गई, इस विजय को स्वीकार नहीं करना। उसको पराजय की छाया में डुबोकर रखना है, लेकिन ऐसी चीजों की बाल मृत्यु हो जाती है। देशवासी जानते हैं, न हम हारे थे और न हारे हैं। उन्होंने कहा कि 4 तारीख के बाद हमारा जो व्यवहार रहा है, वो हमारी पहचान बताता है कि हम विजय को पचाना जानते हैं।
NDA की सॉलिड 'दोस्ती'
दरअसल, एनडीए को लेकर सवाल उठ रहे थे कि क्या गठबंधन के सभी दल एक साथ आ पाएंगे। इसके पीछे की वजह यह रही कि इस बार भाजपा को केवल 240 सीटें मिली है। जबकि 2014 में 282 और 2019 में 303 सीटें अकेले भाजपा ने अपने दम पर जीती थी, जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा थी। ऐसे में विपक्ष को लग रहा था कि यह गठबंधन शायद ही जम पाए। लेकिन, शुक्रवार को जब संसदीय दल की बैठक में एनडीए के घटक दलों ने नरेंद्र मोदी के पक्ष में अपना समर्थन व्यक्त किया तो बात ही कुछ और नजर आई। मतलब भाजपा ने यह दिखाने की कोशिश की कि एनडीए अभी भी मजबूती के साथ खड़ा है।
सोशल मीडिया के इस पोस्ट से समझिए
मोदी आर्काइव नाम के एक्स हैंडल पर इसको लेकर एक पोस्ट भी शेयर किया गया, जिसमें लिखा गया, "एनडीए व्यापक स्पेक्ट्रम है।" इसमें नरेंद्र मोदी के द्वारा 1998 में एनडीए के गठन के एक साल बाद 1999 में दिए गए बयान का हवाला देते हुए यह बताने की कोशिश की गई कि कैसे गठबंधन की सरकार चलाना भी नरेंद्र मोदी को आता है।
नरेंद्र मोदी ने 1999 में कहा था, ''यह वास्तव में एक प्रयोग है जो भारतीय राजनीति के इतिहास में एक आदर्श उदाहरण के रूप में दर्ज किया जाएगा। गठबंधन-राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) एक इंद्रधनुष की तरह है, जहां सभी सात रंगों को एक साथ देखा जा सकता है... यह इंद्रधनुष बना रहेगा और अटल बिहारी वाजपेयी सूरज की किरणों में और चमकेंगे।'' जब यह बयान दिया गया था तब मोदी भाजपा के सबसे युवा महासचिव थे। 26 साल बाद भी आज एनडीए पहले से कहीं अधिक मजबूत और एकजुट दिख रहा है और तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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