एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड भगवान श्रीराम को मांसाहारी बताकर बुरी तरह घिर गए हैं। भाजपा, अजित पवार गुट और शिंदे गुट समेत संतों ने भी आव्हाड पर कार्रवाई की मांग की है। यहां तक की जितेंद्र आव्हाड के अपने दल के नेता भी उन्हें चुनावी सीजन में ऐसी बातें न बोलने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में बैकफुट पर आ कर आव्हाड ने अपने बयान के लिए माफी भी मांगी लेकिन फिर भी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
क्या बोले थे आव्हाड?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट का शिर्डी में मेलावा चल रहा है, इस मेलावा में जितेंद्र आव्हाड ने पत्रकारों से मुलाकात में कहा, "प्रभु श्री राम यह मांसाहारी थे, 14 साल उन्होंने जो वनवास में गुजारे जो जंगल में गुजारे क्या उन्हें वहां पर खाने में क्या मिला होगा? हम प्रभु श्री राम के तरीके पर चल रहे हैं।" इसके बाद से ही जितेंद्र आव्हाड के इस बयान पर बवाल हो रहा है।
आव्हाड ने माफी मांगी
खुद को चारों तरफ से घिरा देखकर जितेंद्र आव्हाड ने अपने बयान के लिए मांफी मांग ली है। आव्हाड ने कहा- "मेरे कल के बयान से अगर किसी की भावना आहत हुई है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।" शरद गुट के नेता एकनाथ खडसे ने भी आव्हाड को विवादास्पद बयान न देने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि आव्हाड के नजरिए से ये कहना सही सकता है पर यह पार्टी का बयान नही हो सकता। चुनाव के माहौल में ऐसे विवादास्पद बयान देने से बचना चाहिए, अपनी ये शक्ति अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर खर्च कीजिए।
लगातार हो रही कार्रवाई की मांग
भाजपा नेता राम कदम ने भगवान राम को मांसाहारी बताने वाले बयान के लिए एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ मुंबई में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत दी है। इसके अलावा नासिक के पंचवटी में वीएचपी और साधु-संतों ने अव्हाड की गिरफ्तारी की मांग की है और पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी है।
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