पार्टी पर हक के लिए चुनाव आयोग के समक्ष पेश हुए शरद पवार, वकील बोले- काल्पनिक अधिकार जता रहे अजित
NCP में फूट पड़े तीन महीने से ज्यादा हो चुके हैं। पार्टी पर अजित और शरद पवार दोनों गुट दावा कर रहे हैं। इसी को लेकर चुनाव आयोग ने आज शुक्रवार को पहली सुनवाई की।
महाराष्ट्र की राजनिति में इस समय चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच माहौल गरम है। दोनों नेता और उनके समर्थक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर अपना-अपना हक जता रहे हैं। अजित की बगावत के बाद पार्टी पर हक को लेकर दोनों नेताओं की ये जंग चुनाव आयोग तक भी पहुंची हुई है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार 6 अक्टूबर को दोनों ही गुटों को अपनी-अपनी दलीलें पेश करने के लिए बुलावा भेजा था। इसी सिलसिले में चुनाव आयोग के समक्ष आज शरद पवार भी पेश हुए हैं।
आयोग पहुंचे शरद पवार
एनसीपी के चुनाव चिन्ह और नाम पर अधिकार को लेकर जारी विवाद पर आज चुनाव आयोग में सुनवाई हुई। शरद पवार, जीतेंद्र अह्वाड और शरद पवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी आयोग के सामने मौजूद हुए और दलीलें रखीं। वहीं, अजित पवार गुट की ओर से मनिंदर सिंह ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी दलीलें पेश की।
अजित जता रहे काल्पनिक अधिकार
चुनाव आयोग से बाहर आने के बाद शरद पवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि हमने आयोग के पास दस्तावेज जमा कर दिए हैं और चुनाव आयोग से हमें जवाब देने के लिए समय देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि शरद पवार एनसीपी के संस्थापक सदस्य हैं और अजित पवार पार्टी पर काल्पनिक अधिकार जता रहे हैं।अजित पवार कह रहे हैं कि पार्टी का फैसला एमएलए एमपी कोर्ट (जहां उनकी सदस्यता पर अयोग्यता का सवाल है) के आधार पर होना चाहिए।
जुलाई में हुई थी बगावत
बता दें कि जुलाई की शुरुआत में शरद पवार के भतीजे ने बगावत करते हुए राज्य की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। इस दौरान सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके अलावा उनके साथ आये अन्य सात लोगों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। हालांकि इसके बाद कई बार खबरे आ चुकी हैं कि अजित पवार किसी विषय को लेकर नाराज चल रहे हैं और वह पाला बदल सकते हैं। लेकिन हर बार यह खबरें केवल अफवाह बनकर हवा में उड़ जाती हैं।
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