Narasimha Rao News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय प्रगति में उनके समृद्ध योगदान के लिए भारत उनका आभारी है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी। हालांकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मंगलवार को दोपहर बाद तक राव की याद में कोई ट्वीट नहीं किया था। राव का जन्म वर्ष 1921 में आज ही के दिन तेलंगाना के करीमनगर में हुआ था और मंगलवार को उनकी 101वीं जयंती है।
मोदी ने पूर्व पीएम को दी श्रद्धांजलि
मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए एक ट्वीट में कहा, ‘हमारे पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। राष्ट्रीय प्रगति में उनके समृद्ध योगदान के लिए भारत उनका आभारी रहेगा। उन्होंने एक महान विद्वान और बुद्धिजीवी के रूप में भी छाप छोड़ी।’ वहीं, उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, ‘एक दूरदर्शी राजनेता और बहुत बड़े बुद्धिजीवी, जिन्होंने प्रमुख आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। राव एक बहुआयामी व्यक्तित्व थे-एक बहुभाषाविद, विद्वान और ख्याति प्राप्त लेखक। उन्हें हमेशा राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा।’
राहुल और प्रियंका ने नहीं किया याद हालांकि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी और उनकी बहन
प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के पूर्व दिग्गज की जयंती को लेकर कोई ट्वीट नहीं किया। कांग्रेस पार्टी के हैंडल ने जरूर उन्हें याद किया और उन्हें भारत में लाइसेंस राज को खत्म करने का श्रेय दिया। कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को हम उनकी जयंती पर नमन करते हैं। उन्हें भारत में लाइसेंस राज को समाप्त करने का श्रेय दिया जाता है और वह देश को आर्थिक सुधारों के युग की तरफ ले गए। राष्ट्र के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।’
कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार थे राव पिछली सदी में
कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले राव 21 जून, 1991 से 16 मई, 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उन्हें भारतीय अर्थव्यस्था के उदारीकरण का श्रेय दिया जाता है। उनके कार्यकाल के दौरान आजाद भारत के इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुईं। केंद्र की कांग्रेस सरकारों में वह विदेश मंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री भी रहे। वह 1971 से 1973 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उनका 23 दिसंबर 2004 को निधन हो गया था।
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