मोदी सरकार ने लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी को इस बात की जानकारी दे दी है कि वह सदन में वक्फ बिल पेश करने जा रही है। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने एडवाइजरी कमेटी को बताया है कि वक्फ बिल गुरुवार को सदन में पेश किया जाएगा। आपको बता दें कि विपक्षी दलों की मांग है कि इस वक्फ बिल को स्थायी समिति के पास भेजा जाए।
क्यों बिल ला रही है सरकार?
जानकारी के मुताबिक, सरकार द्वारा लाए गए बिल के तहत वक्फ बोर्ड अधिनियम में 40 से अधिक संशोधनों किए जा सकते हैं। केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए ये बिल ला रही है। सरकार ने यह कदम मुस्लिम समुदाय के भीतर से उठ रही मांगों की पृष्ठभूमि में उठाया गया है। ये बिल वक्फ बोर्ड के लिए अपनी संपत्तियों का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित करने को लेकर जिलाधिकारियों के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य कर देगा।
अनियमितताएं खत्म होंगी
इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की वकील कनिका भारद्वाज से समझने की कोशिश की। कनिका भारद्वाज ने कहा कि इस बिल से वक्फ बोर्ड के नाम पर जिस तरह से लैंड का मिसयूज हो रहा है या अन्य अनियमितताएं हो रही हैं, उन्हें खत्म किया जाएगा। कनिका ने बताया कि कुल 40 बदलाव किए जा रहे हैं।
वक्फ बोर्ड के पास कितनी प्रॉपर्टी?
वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्तियों से हर साल करीब 200 करोड़ की आमदनी होती है। नए बदलाव का मकसद यह है कि गैरकानूनी तरीके से कोई प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड में नहीं जाए।
- 2009 : 52 हजार से ज्यादा प्रॉपर्टी
- 2013 :4 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी
- 2024 : 8 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी
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