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Hindi News भारत राजनीति महाराष्ट्र और झारखंड में आदर्श आचार संहिता लागू, जानें क्या होता है यह और क्या हैं इसके नियम?

महाराष्ट्र और झारखंड में आदर्श आचार संहिता लागू, जानें क्या होता है यह और क्या हैं इसके नियम?

महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। चुनाव आयोग ने मतदान और मतों की गणना के तारीखों की घोषणा कर दी है। ऐसे में इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता को लागू कर दिया गया है।

Model Code of Conduct implemented in Maharashtra and Jharkhand what Model Code of Conduct and its ru- India TV Hindi Image Source : PTI आदर्श आचार संहिता के नियम?

भारतीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाली विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में एक चरण में तो वहीं झारखंड में 2 चरणों में मतदान कराया जाएगा। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा। वहीं झारखंड में 13 और 20 नवंबर को मतदान किया जाएगा। वहीं दोनों ही राज्यों में चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। ऐसे में चुनाव की घोषणा के साथ ही महाराष्ट्र और झारखंड में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में चलिए बताते हैं कि आखिर आचार संहिता क्या है और इसके नियम क्या हैं?

क्या है आदर्श आचार संहिता?

देश के किसी भी राज्य या क्षेत्र में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जब किसी चुनाव का आयोजन किया जाता है तो चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही उस राज्य या क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता को लागू कर दिया जाता है। इसका मकसद देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव करना होता है। इसके तहत कुछ नियमों को भी तय किया जाता है, जिसका पूरे चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों को पालन करना होता है। बता दें कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया के खत्म होने तक आचार संहिता लागू रहता है। 

आचार संहिता के उल्लंघन पर क्या होता है?

यदि किसी राजनीतिक दल या किसी उम्मीदवार द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया जाता है तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई करती है। उदाहरण के तौर पर उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से भी रोका जा सकता है। इसके अलावा यदि जरूरत पड़े तो उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज हो सकता है और नियमों के उल्लंघन पर जेल जाना भी पड़ सकता है। 

आचार संहिता के राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम?

  • किसी भी स्थान पर सभा करने से पहले सभा और उसके समय की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी जाए।
  • सभा में अगर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना है तो उसके लिए पुलिस अधिकारियों से पहले अनुमति लेनी होगी।
  • दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहां निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है।
  • सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें।

आचार संहित में सत्ताधारी दल के लिए नियम?

  • सरकार के मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार का कार्य न करें।
  • शासकीय दौरों में शासकीय मशीनरी और कर्मचारियों का इस्तेमाल न करना।
  • राजनीतिक दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी विमान या गाड़ियों का प्रयोग न करना।
  • हेलीपैड पर एकाधिकार न जताएं।
  • विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार न जमाना।
  • प्रचार और राजनैतिक दल के हितों के साधने के लिए इन स्थानों का प्रयोग न करना।
  • सरकारी पैसे पर विज्ञापनों के जरिए सरकार की उपलब्धियां न बताना।
  • शासकीय दौरे पर जब मंत्री सर्किट हाउस में ठहरें हों तो उस स्थिति में उनके साथ गार्ड लगाए जाएंगे।
  • सरकार कैबिनेट की बैठक नहीं करेगी।
  • स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन जरूरी।

आचार संहित में अधिकारियों के लिए क्या है नियम?

  • शासकीय कर्मचारी किसी भी प्रत्याशी या पार्टी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।
  • मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास में ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहां नहीं जाएंगे।
  • चुनाव कार्यों पर जाने वाले सरकारी कर्मचारी मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे।
  • जिस कर्मचारी की ड्यूटी जहां लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में कर्मचारी शामिल नहीं होंगे।
  • सरकारी अधिकारी राजनीतिक दलों के सभा करने के लिए स्थान देने वक्त भेदभाव नहीं करेंगे।

आदर्श आचार संहिता के सामान्य नियम क्या हैं?

  • आचार संहिता के दौरान कोई भी राजनैतिक दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद या घृणा फैले। 
  • राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम नीतियों तक सीमित हो, आलोचनाएं व्यक्तिगत नहीं होनी चाहिए। 
  • धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
  • वोट पाने के लिए भ्रष्ट आचरण जैसे, रिश्वत देना, मतदाओं को परेशान करना या धमकी देना या किसी तरह का लालच देना की पाबंदी है।
  • जिस व्यक्ति की संपत्ति है उसकी सहमति के बगैर उसकी दीवार, अहाते या भूमि का प्रयोग न करें।
  • किसी भी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें।
  • राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील न करें, जिससे किसी की धार्मिक या जीतीय भावनाएं आहत होती हों।

आचार संहिता में जुलूस संबंधी नियम क्या हैं?

  • जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति के समय की सूचना पहले से पुलिस अधिकारियों को देनी होती है।
  • यातायात प्रभावित न हो, इसे ध्यान में रखकर ही जुलूस किया जाए।
  • जुलूस और राजनैतिक सभाओं को लेकर पुलिस अधिकारियों को पहले जानकारी दी जाए और अनुमति ली जाए।
  • सड़क के दायीं ओर से जुलूस निकाली जाए।
  • राजनैतिक जुलूस में किसी ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके।

आचार संहित के दौरान मतदान के दिन संबंधी नियम?

  • अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें।
  • मतदाताओं को जो पर्ची दी जाए वह सादे कागज पर हो। उसमें चुनाव चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो।
  • मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले तक किसी को भी शराब वितरित न की जाए।
  • मतदान केंद्र के पास लगाए जाने वाले कैंपों में भीड़ न लगाएं। कैंप साधारण होने चाहिए।
  • मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें।

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