नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद के ‘हिंदू पूर्वज’ वाले बयान पर जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तंज कसा है। मुफ्ती ने कहा है कि अगर गुलाम नबी आजाद थोड़ा और पीछे जाएं तो कहीं ऐसा न हो कि उनके पूर्वज बंदर निकल जाएं। वहीं, अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को खत्म करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर महबूबा ने कहा कि अब देश की शीर्ष अदालत के सामने यह चुनौती है कि वह कृष्ण की भूमिका निभाता है या धृतराष्ट्र की।
‘कहीं उनके पूर्वज बंदर न निकल जाएं’
गुलाम नबी आजाद के बयान पर तंज कसते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि गुलाम नबी आजाद कितना पीछे जा रहे हैं। अगर वह थोड़ा और पीछे गए तो कहीं ऐसा न हो कि उनके पूर्वज बंदर निकल जाएं।’ बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे गुलाम नबी आजाद ने कहा था, ‘इस्लाम तो आया ही है 1500 साल पहले। हिंदू धर्म बहुत पुराना है, तो बाहर से आए होंगे 10-20, वे जब मुगलों के वक्त में उनकी फौज में थे। बाकी तो सब हिंदुस्तान में हिंदू से ही कन्वर्ट हुए हैं मुसलमान में। उसकी मिसाल हमारे कश्मीर में है।’
‘सुप्रीम कोर्ट के सामने चुनौती है कि…’
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई पर PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने न्याय मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा 'हमें सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है कि वह न्याय करेगा। हमारा संघर्ष यहीं ख़त्म नहीं होता। हमारा संघर्ष जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के सामने चुनौती है कि वह कृष्ण की भूमिका निभाता है या धृतराष्ट्र की।' बता दें कि महबूबा मुफ्ती अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को लेकर केंद्र सरकार पर अक्सर निशाना साधती हैं और आरोप लगाती हैं कि कश्मीर में हालात खराब होते जा रहे हैं।
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