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Hindi News भारत राजनीति यूथ को बरगलाने की बात पर पहले खुद में सुधार लाएं मदनी: मुख्तार अब्बास नकवी

यूथ को बरगलाने की बात पर पहले खुद में सुधार लाएं मदनी: मुख्तार अब्बास नकवी

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अगर हिंदुस्तान में इस्लामोफोबिया होता तो भारत का मुसलमान सफलता, सुरक्षा, समृद्धि के साथ नहीं रह रहा होता।

Jamiat Ulema Hind, Mahmood Madani, Madani speech, Madani on modi, Modi madani- India TV Hindi Image Source : FILE मुख्तार अब्बास नकवी और मौलाना महमूद मदनी।

नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के हालिया बयानों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने बेहद तल्ख टिप्पणी की है। इंडिया टीवी से बात करते हुए नकवी ने कहा कि समय-समय पर कम्यूनल कंफ्यूजन का माहौल बनाने की कोशिश करना कुछ लोगों की आदत है। उन्होंने कहा कि दुनिया के हर 10 में से एक मुसलमान हिंदुस्तान में रह रहा है, और समाज के सभी वर्गों के साथ तरक्की में बराबरी की भागीदारी कर रहा है।

‘पहले खुद में सुधार लाएं मदनी’
मुख्तार अब्बास नकवी ने आगे कहा कि समस्या यह है कि मोदी जी ने वोटों की ठेकेदारी बंद कर दी है। उन्होंने कहा, ‘अब वोटों की ठेकेदारी पिट गयी है, समावेशी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। हिंदुस्तान की संस्कृति, संस्कार, संकल्प दुनिया मे सबसे ज्यादा मजबूत हैं। अगर इस्लामोफोबिया होता तो भारत का मुसलमान सफलता, सुरक्षा, समृद्धि के साथ नहीं रह रहा होता। यूथ को बरगलाने की बात पर सबसे पहले मदनी खुद में सुधार लाएं। जो भी दंगे करेगा, उस पर कार्रवाई होगी, इसे कम्युनल या कास्ट एंगल से देखना सही नहीं।’

मौलाना मदनी ने क्या कहा था?
मदनी ने शुक्रवार को कहा था कि जालिमों, कातिलों, लुटेरों को हम सजा दिलाने में नाकाम हैं, बल्कि बेकसूर लोगों को गिरफ्तार किया जाता है और उन्हें मुद्दतों जेल में रखा जाता है। उन्होंने कहा था ‘20 साल गुजरने के बाद अदालत उन्हें रिहा कर देती है। किसी भी फसाद होने पर मारे भी मुसलमान जाते हैं, लूटे भी जाते हैं और उल्टा उन्हें ही कसूरवार ठहरा कर सजा दे दी जाती है। बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद अदालतों के किरदार पर सवाल उठाया है। अदालतें कुछ समय से सरकारों के दबाव में काम कर रही हैं।’

‘जितना यह देश मोदी का, उतना ही...’
मदनी ने कहा था, 'भारत हमारा वतन है, यह वतन जितना नरेंद्र मोदी का है, जितना मोहन भागवत का है, उतना ही मोहम्मद मदनी का है। एक इंच न वो हम से आगे हैं और न एक इंच हम उनसे पीछे हैं। इस्लाम इसी देश का सबसे पुराना धर्म है। आज हमारे देश में नफरत का माहौल है। बेबुनियाद प्रोपेगेंडा फैलाने का काम तेजी से किया जा रहा है और ऐसे लोगों को सुप्रीम कोर्ट भी छोड़कर कर उनकी हौसला अफजाई कर रहा है। उन्हें आजाद छोड़ा जा रहा है, जिन्हें देश के लिए हम खतरा समझते हैं।'

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